- नई दिल्ली में राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में शामिल हुए सीएम योगी
- सीएम ने दिया भरोसा, राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार के लिए नि:शुल्क देंगे किसी भी विभाग की जमीन
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री के समक्ष रखी यूपी में राष्ट्रीय राजमार्गों से संबंधित आवश्यकताओं की लिस्ट
- वाराणसी रिंग रोड के बचे हुए काम और गंगा ब्रिज के जल्द निर्माण की रखी मांग
- यूपी में 11 हजार 500 किमी और राष्ट्रीय राजमार्गों का करना होगा विस्तार : योगी
- महाकुंभ 2025 से पहले इससे जुड़ी परियोजनाओं को दिसंबर 2024 तक करना होगा पूरा : मुख्यमंत्री
- समयबद्ध ढंग से किया जाएगा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा एवं मुआवजों का वितरण : सीएम
अथाह ब्यूरो
नयी दिल्ली/ लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडप में आयोजित राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में शामिल हुए। इस दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष उन्होंने प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार की मांग रखी। वही उन्होंने इस बात के लिए भी आश्वस्त किया कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार की प्रक्रिया को थमने नहीं दिया जाएगा और इसमें आने वाली हर अड़चन का समयबद्ध ढंग से निपटारा किया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के लिए किसी भी विभाग की जमीन को नि:शुल्क दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 में प्रदेश में 8364 किमी लंबे कुल 48 राष्ट्रीय राजमार्ग थे, जबकि 2024 में इनकी संख्या बढ़कर 93 हो गई और राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई भी बढ़कर 12,733 किमी हो गई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से देखा जाए तो यह अभी भी राष्ट्रीय औसत 11.77 किमी प्रति लाख जनसंख्या से कम है। इसे राष्ट्रीय औसत के स्तर पर लाने के लिए 11 हजार 500 किमी और राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने होंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 500 किमी लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्ग दो लेन से कम हैं और 1500 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग केवल दो लेन के हैं। जबकि, राष्ट्रीय राजमार्ग का न्यूनतम स्तर 2 लेन प्लस पेवड शोल्डर होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ से संबंधित परियोजनाओं, जिसमें प्रयागराज रिंग रोड भी शामिल है, को भी दिसंबर 2024 तक पूरा करने को आवश्यक बताया।
मुख्यमंत्री ने वाराणसी, मथुरा और अयोध्या का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि ये प्रदेश के मुख्य दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है। उन्होंने वाराणसी रिंग रोड के बचे हुए काम (गंगा ब्रिज) को पूर्ण करने के पश्चात इस रिंग रोड को शीघ्र ही ट्रैफिक के लिए खोला जाना आवश्यक बताया। मुख्यमंत्री ने ब्रज चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये जाने को आवश्यक बताया। साथ ही अयोध्या बाईपास के सुदृढ़ीकरण का भी अनुरोध किया। उन्होंने अनुरोध किया कि प्रदेश के 10 नये राजमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 18 में से 13 मंडलों में रिंग रोड निर्माण की प्रक्रिया या तो चल रही है या पूरी हो चुकी है, इसके अलावा प्रदेश के पांच मंडल अलीगढ़, देवीपाटन, झांसी, मीरजापुर और सहारनपुर में रिंग रोड बनाना भी आवश्यक है। उन्होंने प्रदेश में सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के रख रखाव को उच्च स्तर का रखने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को आश्वस्त किया कि राष्ट्रीय राजमार्गों के क्रियान्वयन में जो व्यवधान हैं उनका प्रदेश में समयबद्ध ढंग से समाधान किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया एवं मुआवजा वितरण को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि किसी भी विभाग की भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग विस्तार के लिए नि:शुल्क दी जाएगी। साथ ही फॉरेस्ट क्लियरेंस भी समय पर कराया जाएगा। उन्होंने सिंचाई विभाग या अन्य विभाग के पास उपलब्ध भूमि को फॉरेस्ट क्लियरेंस प्रस्तावों के लिए गैर वन भूमि के रूप में उपलब्ध कराने को लेकर आश्वस्त किया। साथ ही कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों की परियोजनाओं पर यूपी पीटीसीएल द्वारा लगाए जाने वाले शटडाउन शुल्क को भी प्रदेश सरकार नहीं लेगी।