Dainik Athah

नगर आयुक्त ने लगाई रोक तो महापौर के साथ बढ़ी तकरार

  • महापौर के पति करते हैं पत्रत्रावलियों का अवलोकन
  • महापौर पति निगम कर्मचारियों- अधिकारियों को फोन कर मांगते हैं पत्रावली
  • पत्रावली की छाया प्रति भी रखते हैं अपने पास

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
गाजियाबाद नगर निगम में लंबे अर्से बाद एक बार फिर से नगर आयुक्त एवं महापौर के बीच तकरार शुरू हो गई है। हकीकत यह है कि महापौर के पति नगर निगम की फाइलों को मंगवाक उनका अवलोकन ही नहीं करते, बल्कि आफिसियल फाइलों की छाया प्रति भी अपने पास रखते हैं। इसका पता चलने पर नगर आयुक्त ने नगर निम के सभी अधिकारियों को पत्र लिखकर महापौर के पति के प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप पर रोक लगा दी। नगर आयुक्त के आदेश के बाद महापौर ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर नगर निगम के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़ दिये।

नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बुधवार को नगर निगम के सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि शासकीय कार्य की पत्रावलियां उनकी स्वीकृति के बगैर ही महापौर के पति के समक्ष प्रस्तुत की जा रही है। जबकि नगर निगम एक्ट के अनुसार महापौर निर्वाचित प्रतिनिधि है और बैठक में भी वे ही शामिल हो सकती है। महापौर को ही अभिलेखों के अवलोकन की अनुमति हेतु विधिवत आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण होने पर नगर आयुक्त की लिखित स्वीकृति के बाद ही दस्तावेजों एवं अभिलेखों के अवलोकन का प्रावधान है।
नगर आयुक्त ने पत्र में कहा कि महापौर के पति द्वारा निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फोन कर बिना उचित माध्यम के शासकीय पत्रावलियों को मांगने तथा उसकी फोटो काफी करने तथा सरकारी कार्य में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है। उनका यह कार्य आफिसियल सिक्रेट एक्ट 1923 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। बावजूद इसके आपके सहयोग से वे निरंतर यह कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिये कि बगैर उचित माध्यम के इस प्रकार पत्रावलियां एवं अभिलेख को उपलब्ध न करवायें, यदि कोई कर्मचारी और अधिकारी निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ भी आफिसियल सिक्रेट एक्ट के अनुसार कार्यवाही की जा सकती है।

महापौर ने पत्र जारी कर लगाये निगम अधिकारियों पर आरोप
नगर आयुक्त के पत्र जारी होने की जानकारी मिलने पर महापौर सुनीता दयाल ने जवाबी पत्र जारी कर उनके पति द्वारा पत्रावली मांगने के आरोप को निराधार और असत्य बताया। इसके साथ ही उन्होंने नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी तथा दोनों के प्रभारी अपर नगर आयुक्त द्वितीय पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि ये अधिकारी सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं। जिस प्रकार पत्र लिखने का क्रम शुरू हुआ है उससे दोनों पक्षों में टकराव बढ़ने की उम्मीद है। जानकारों का मानना है कि महापौर के पति पत्रावलियों का अवलोकन करने के साथ ही उनकी फोटो करवाकर रखते हैं यह बहुत ही गलत है।


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