- 9 हजार एकड़ में विकसित किये जाएंगे सोलर पार्क, 32 गांव की जमीन की जा रही अधिग्रहित
- 2 हजार मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट से 4700 मिलियन यूनिट बिजली का प्रतिवर्ष होगा उत्पादन
- 90 प्रतिशत से अधिक भूमि लीज पर की जा चुकी है अधिग्रहीत, दिसंबर 2025 से पहले शुरू हो जाएंगी तीनों परियोजनाएं
- 18 हजार से अधिक कुशल और अकुशल श्रमिकों को मिलेगा रोजगार
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश में सोलर एनर्जी को प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार की पहल का असर दिखने लगा है। सिर्फ सिटी ही नहीं, बल्कि गांवों तक सोलर एनर्जी को पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम बुंदेलखंड रीजन को सौर ऊर्जा का हब बनाने के लिए प्रदेश सरकार सोलर पार्क विकसित कर रही है। इसमें झांसी, ललितपुर और चित्रकूट में सबसे बड़े सोलर पार्क को 9 हजार एकड़ में विकसित किया जा रहा है, जहां पर 2 हजार मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया जाएगा। इससे प्रतिवर्ष 4700 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इसके लिए 32 गांव की लक्षित भूमि को लीज पर लेने की प्रक्रिया जारी है। अब तक 8 हजार से अधिक भूमि लीज पर अधिग्रहित की जा चुकी है यानी भूमि अधिग्रहण का लगभग 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। वहीं योगी सरकार ने तीनों परियोजनाएं को दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया है। जानकारों की मानें तो निर्धारित लक्ष्य से पहले ही तीनों परियोजनाओं को शुरू कर दिया जाएगा। इसके जरिये 18 हजार से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
ललितपुर में 86 प्रतिशत भूमि अधिग्रहित, हर साल 1400 मिलियन यूनिट बिजली का होगा उत्पादन
सीएम योगी के निर्देश पर बंदुेलखंड के झांसी, ललितपुर और चित्रकूट में ग्राउंड माउंटेड अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर पार्क विकसित करने की दिशा में तेजी से कदम उठाये जा रहे हैं। ललितपुर के जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि 2700 एकड़ में सोलर पार्क विकसित करने के लिए अब तक 1317.80 एकड़ सरकारी और 1022.73 एकड़ निजी भूमि को चिन्हित किया जा चुका है। इसमें लगभग 86 प्रतिशत भूमि लीज पर अधिग्रहित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि तहसील तालबेहट के करीब 9 गांव क्रमश: पवा, सरखड़ी, बर्माबिहार, शाहपुर, तालबेहट अंदर (खांडी), पिपरई, गेवरागुंडेरा, झरार और कडेसराकलांन की जमीन को चिन्हित किया गया है। यहां पर फैंसिंग कार्य एवं सौर ऊर्जा निकासी के लिए आंतरिक ग्रिड सब स्टेशन के निर्माण का काम यूपीपीसीएल की ओर से किया जा रहा है। 600 मेगावॉट क्षमता के इस प्लांट से प्रतिवर्ष 1400 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इसके साथ ही 210 कुशल एवं 4850 अकुशल श्रमिकों को रोजगार के साधन उपब्लध होंगे। वहीं परियोजना के संचालन एवं रखरखाव की 25 वर्ष की अवधि में लगभग 200 कुशल एवं 360 अकुशल श्रमिकों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
झांसी में 2700 एकड़ में 600 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट किया जा रहा स्थापित
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि सीएम योगी की मंशा के अनुरुप सोलर पार्क बनाने के लिए लीज पर भूमि अधिग्रहीत की कार्रवई युद्धस्तर पर चल रही है। यहां पर 2700 एकड़ में सोलर पार्क विकसित करने के लिए तहसील गरौठा के 8 गांव क्रमश: खदौरा, जलालपुरा, पुरा, जसवंतपुरा, सुजानपुरा, नदौरा, बरारू एवं मोतीकटरा की भूमि चिन्हित की जा रही है। अब तक 263.77 एकड़ सरकारी भूमि एवं 2328.67 एकड़ निजी भूूमि लीज पर अधिग्रहीत की जा चुकी है। ऐसे में अब तक 96 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है। यहां पर फैंसिंग कार्य एवं सौर ऊर्जा निकासी के लिए आंतरिक ग्रिड सब स्टेशन के निर्माण का काम यूपीपीसीएल की ओर से किया जा रहा है। इस 600 मेगावाट क्षमता के सोलर पॉवर प्लांट से 1400 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन प्रतिवर्ष होगा। इससे 210 कुशल एवं 4850 अकुशल श्रमिकों को रोजगार मिलेगा। वहीं परियोजना के संचालन एवं रखरखाव की 25 वर्ष की अवधि में लगभग 200 कुशल एवं 360 अकुशल श्रमिकों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
चित्रकूट में हर वर्ष1900 मिलियन यूनिट बिजली का होगा उत्पादन
चित्रकूट में 3400 एकड़ भूमि पर 800 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट की स्थापना के लिए तहसील मऊ के 15 गांव की भूमि लीज पर लेने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें छतैनीमांफी, खरगडाह, गाहुर, कटैईयाडांडी, मनकाछतैनी, चचोखर, छरेहरा, डोंडियामांफी, कोटवामांफी, उसरीमांफी, बर्गाह, अटारीमाजरा, गोईयाकलां, गोईयाखुर्द एवं सेमरा गांव की जमीन लीज पर ली जा रही है। अब तक 3400 एकड़ भूमि के सापेक्ष 1249.50 एकड़ सरकारी भूमि एवं 1821.51 एकड़ निजी भूमि लीज पर अधिग्रहित की जा चुकी है। ऐसे में अब तक 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है। यहां पर फैंसिंग कार्य एवं सौर ऊर्जा निकासी के लिए आंतरिक ग्रिड सब स्टेशन के निर्माण का काम यूपीपीसीएल की ओर से किया जा रहा है। यहां पर 1900 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन प्रतिवर्ष होगा। वहीं प्लांट की स्थापना के दौरान 265 कुशल एवं 6050 अकुशल श्रमिकों को रोजगार मिलेगा। वहीं परियोजना के संचालन एवं रखरखाव की 25 वर्ष की अवधि में लगभग 300 कुशल एवं 450 अकुशल श्रमिकों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।