Dainik Athah

सहारनपुर की तहसीलों और आरटीओ दफ्तर में औचक निरीक्षण, 19 दलालों/ बिचौलियों को भेजा जेल

  • सरकारी कार्यालयों में शुचितापूर्ण कार्यसंस्कृति के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ मिशन मोड में मुख्यमंत्री योगी, हर जिले में हर सरकारी कार्यालय की हो रही मॉनीटरिंग
  • मुख्यमंत्री की दो टूक चेतावनी, सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं, दलाल/बिचौलिया मिला तो जिले के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई, होगी परिसम्पत्तियों की जांच
  • जनता की सरकार, जनहित के लिए है प्रतिबद्ध, भ्रष्टाचार में संलिप्तता मिली तो बर्खास्तगी तय
  • सरकारी कार्यालय परिसर में बाहरी व्यक्तियों की संदिग्ध उपस्थिति से जनहित होता है प्रभावित

    अथाह ब्यूरो
    लखनऊ/ सहारनपुर।
    भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिशन मोड में आ चुके हैं। दो दिन में फिरोजाबाद और बांदा में 02 एसडीएम और तहसीलदार सहित 06 पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों/ कर्मचारियों का निलंबन करने और उनकी जांच शुरू करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने अब सरकारी कार्यालयों में औचक निरीक्षण कराना शुरू कर दिया है। गुरुवार को एक अभूतपूर्व कार्रवाई के तहत मुख्यमंत्री की सीधी निगरानी में सहारनपुर में तहसीलों और आरटीओ दफ्तर में औचक निरीक्षण किया गया, जहां 19 दलाल/बिचौलिये मिले। सभी को तत्काल जेल भेज कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गई। अचानक हुई इस कार्रवाई से जिले में हड़कंप सा माहौल है।
    लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद जोन, मंडल, रेंज, जिला सहित फील्ड में तैनात अधिकारियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने ‘जनहित सर्वोपरि’ होने की बात कही थी। अधिकारियों को हर दिन तय समय पर दो घंटे जनसुनवाई के लिए निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार मुक्त कार्यसंस्कृति की बात पर जोर दिया था। मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा था कि किसी भी सरकारी कार्यालय में दलालों/बिचौलियों की मौजूदगी मिली तो उन पर तो कार्रवाई होगी ही, अधिकारियों की भी जवाबदेही तय की जाएगी। इसी क्रम में गुरुवार को मुख्यमंत्री ने सहारनपुर के तहसीलों और आरटीओ दफ्तर में औचक निरीक्षण कराया, जहां 19 संदिग्ध लोग मिले। पूछताछ में प्रथमदृष्टया इनकी पहचान दलालों/बिचौलियों के रूप में हुई है। सभी को तत्काल जेल भेजकर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गई।
    औचक निरीक्षण के पीछे मुख्यमंत्री की मंशा, सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार मुक्त, साफ-सुथरी, शुचितापूर्ण कार्यसंस्कृति बनाये रखना है। मुख्यमंत्री द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को दो टूक शब्दों में कहा गया कि सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है। यदि किसी कार्यालय में दलाल/बिचौलिया पाया गया तो जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की भी जवाबदेही तय की जाएगी, साथ ही उनकी परिसम्पत्तियों की जांच भी कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जनता की सरकार, जनहित के लिए प्रतिबद्ध है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। भ्रष्टाचार में संलिप्तता मिलने पर बर्खास्तगी की कार्यवाही भी की जाएगी। औचक निरीक्षण का यह दौर लगातार जारी रहेगा।

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