Dainik Athah

महिला अपराधों के निस्तारण में यूपी फिर अव्वल

  • सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस नीति का असर, महिला और बच्चियों के खिलाफ अपराधों में आयी कमी
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में गृह विभाग की थपथपाई पीठ
  • सिद्धार्थनगर पुलिस ने महिला संबंधी अपराध के मामलों को तेजी से निस्तारित कर प्रदेश में प्राप्त किया पहला स्थान
  • सीएम ने जांच प्रक्रिया में तेजी लाने तथा लंबित जांच को जल्द से जल्द पूरा करने के दिये निर्देश

अथाह ब्यूरो
लखनऊ
। योगी सरकार ने एक बार फिर महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराधों के निस्तारण में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उत्तर प्रदेश महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराधों के निस्तारण में देश भर के राज्यों में पहले स्थान पर है। वहीं केंद्र शासित राज्यों में लद्दाख पहले और दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव दूसरे स्थान पर है। महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के अधिकारियों ने एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया कि प्रदेश में महिला संबंधी अपराधों के निस्तारण का रेश्यो 98.70 प्रतिशत है। सीएम ने अधिकारियों को मामलों के निस्तारण में और तेजी लाने के निर्देश दिये, ताकि आगामी तीन माह में उत्तर प्रदेश में निस्तारण रेश्यो शत प्रतिशत हो सके। उन्होंने मुख्य सचिव और डीजीपी को हर माह समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिये। साथ ही मामलों के निस्तारण में विभाग के प्रयासों को देखते हुए गृह विभाग की पीठ भी थपथपाई।

प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किए जा रहे मामले
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में महिला एवं बच्चियों संबंधी अपराध आईपीसी की धारा 376, महिला उत्पीड़न और पॉक्सो एक्ट को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें पुलिस अधिकारियों को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इन अपराधों पर लगाम लगाने के साथ दर्ज मामलोें में कम से कम समय में आरोपियों को सजा दिलाने की बात कही। इस पर पुलिस अधिकारियों ने सीएम योगी को बताया कि 30 अप्रैल 2024 तक आईपीसी की धारा-376 तथा पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर को निस्तारित कर 98.70 प्रतिशत के साथ प्रदेश ने पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने सीएम योगी को बताया कि उनके निर्देश पर इस तरह के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जा रहा है, जिससे महिलाओं और बच्चियों के लिए प्रदेश एक सुरक्षित स्थान बना है। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो लद्?दाख का रेश्यो 100 प्रतिशत है, जबकि दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव का रेश्यो 99 प्रतिशत है।

प्रदेश में सबसे अच्छा प्रदर्शन सिद्धार्थनगर का रहा
उत्तर प्रदेश के जिलों की बात करें तो सिद्धार्थनगर में 30 अप्रैल तक महिला संबंधी कुल 799 मामले दर्ज किए गए, जिसमें से 798 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसका रेश्यो 99.87 प्रतिशत रहा। वहीं दूसरे पायदान पर हरदोई है, जहां 1784 मामले दर्ज किए गए। इसमें से 1777 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई। इसका रेश्यो 99.61 प्रतिशत रहा। वहीं तीसरे पायदान पर इटावा रहा, जहां 731 मामले दर्ज किए गए, जिसमें से 728 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई। इसका रेश्यो 99.59 प्रतिशत रहा।

महिला संबंधी अपराधों की जांच प्रक्रिया में और तेजी लाने के निर्देश
आईपीसी की धारा-376 तथा पॉक्सो एक्ट की एफआईआर दर्ज कर दो माह के अंदर जांच प्रक्रिया पूरी करने के मामलों में 77.60 प्रतिशत के साथ देश भर के राज्योंं में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। इसी तरह दर्ज एफआईआर में दो माह के बाद लंबित जांच प्रक्रिया के मामले में उत्तर प्रदेश 0.10 प्रतिशत के साथ देश में दूसरे स्थान पर है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में मौजूद गृह विभाग के अधिकारियों को जांच प्रक्रिया में तेजी लाने तथा लंबित जांच को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जब अगली बैठक हो तो इन दोनों बिंदुओं पर भी उत्तर प्रदेश देश में पहले पायदान पर हो। इससे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रदेश की एक अलग छवि बनेगी। अच्छी छवि का सीधा प्रभाव निवेश पर पड़ेगा। इससे हम प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के सपने को जल्द से जल्द पूरा कर सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन मामलों में जिन जिलों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है इन पर खासा फोकस किया जाए। इससे जहां प्रदेश में महिला संबंधी अपराध में कमी आएगी वहीं दूसरी ओर लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर पॉक्सो एक्ट से संबंधित मामलों की हर महीने समीक्षा भी की जाये।


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