Dainik Athah

दैनिक अथाह ने मंथन कॉलम में उठाया था लोकसभा में मर्यादा टूटने का मुद्दा

  • लोकसभा सदस्य शपथ ग्रहण के दौरान कोई अतिरिक्त शब्द नहीं जोड़ सकते
  • लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने किया नियमों में बदलाव

अथाह ब्यूरो
नयी दिल्ली
। लोकसभा में शपथ के दौरान नारेबाजी अब नही हो सकेगी। इसके साथ ही शपथ के दौरान कोई नया शब्द भी सदस्य नहीं जोड़ सकेंगे। इस मामले में गंभीर रूख अपनाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने नियमों में कर दिया बड़ा बदलाव कर दिया है। इस मुद्दे को दैनिक अथाह ने अपने नियमित कॉलम मंथन में उठाते हुए सदस्यों के शपथ ग्रहण पर सवाल खड़े किये थे मंथन में ‘लोकसभा सदस्यों के शपथ ग्रहण में टूटती मर्यादा क्या शुभ संकेत है’ शीर्षक से संपादक अशोक ओझा ने सवाल खड़े किये थे। बता दें कि इस बार लोकसभा सदस्य जब शपथ ग्रहण कर रहे थे उस समय उन्होंने शपथ ग्र्रहण के नियमों को ताक पर रख दिया था। इस दौरान जहां असदुद्दीन ओवैसी ने जय फिलिस्तीन का नारा लगाया।

शपथ ग्रहण के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों ने नारे लगाने के साथ ही शपथ में अपने मन से बदलाव करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। कोई सदस्य अपने दल के नेताओं को संदेश देने का प्रयास कर रहे थे, तो कोई क्षेत्र की जनता को इसके माध्यम से संदेश देने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन लोकतंत्र में यह उचित नहीं है। इसके बाद ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने एक अहम फैसला किया है।

इस फैसले के तहत उन्होंने नियम में संशोधन करते हुए निर्वाचित सांसदों को सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेने के दौरान कोई भी टिप्पणी जोड़ने पर रोक लगा दी है।
ओम बिड़ला ने सदन के कामकाज से संबंधित कुछ मामलों को विनियमित करने के लिए ‘अध्यक्ष की ओर से डायरेक्शन’ के ‘डायरेक्शन 1’ में एक नया क्लॉज जोड़ा है, जो पहले के नियमों में विशेष रूप से प्रदान नहीं किया गया है। ‘डायरेक्शन-1’ में संशोधन के अनुसार, नया क्लॉज-3 अब कहता है कि कोई भी सदस्य जब शपथ लेगा तो शपथ या प्रतिज्ञान के रूप में किसी भी नए शब्द या अभिव्यक्ति का उपयोग नहीं करेगा या कोई टिप्पणी नहीं करेगा। बता दें कि इस प्रकार के नारेबाजी से सदन का माहौल भी खराब होता है। दैनिक अथाह लोकसभा अध्यक्ष के इस कदम की सराहना करता है।


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