Dainik Athah

‘चिट्ठी न कोई संदेश’ न जाने कौन सा देश, मैं तो मोदी की काशी चल दिया

  • बिन बुलाये चले आये कई हजार: न होटलों में जगह- न धर्मशालाओं में
  • बिन बुलाये काशी पहुंंचे भाजपा वालों से नेतृत्व हो रहा परेशान
  • दर्शन, फोटो और नमस्ते के लिए डाले हैं डेरा

अशोक ओझा
लखनऊ/ वाराणसी
। ‘चिट्ठी न कोई संदेश’ लेकिन ड्यूटी मोदी की काशी में। जी हां कुछ यहीं हालात है 2024 के लोकसभा चुनाव में बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की। यहां पर बिन बुलाये पहुंचे हजारों मेहमानों के चलते होटलों की छोड़ो किसी गैस्ट हॉऊस या धर्मशाला तक में जगह नहीं बची है।
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार चुनाव मैदान में है। यहां पर उनकी जीत में कोई शक उनके विपक्षियों को भी नहीं है। भाजपा नेतृत्व ने उनकी जीत के लिए जो तानाबाना बुना था उसके अनुसार पिछले कई माह से यहां पर योजना के अनुसार काम चल रहा है। चाहे वह विधानसभा प्रभारी हो, बूथ प्रभारी या फिर पन्ना प्रमुख। सभी स्तर के कार्यकर्ता पिछले कई माह से यहां भाजपा नेतृत्व की रणनीति को अंजाम तक पहुंचाने में जुटे हैं। वाराणसी देश की सबसे हॉट सीट बनी हुई है। हो भी क्यों न जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यहां से प्रत्याशी हो। ऐसे में पूरी भाजपा यहीं पर जमी है। मोदी नामांकन करने के बाद नारी शक्ति सम्मेलन में भी यहां पर आये थे।

यहां की हर गतिविधि पर उत्तर प्रदेश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर छोटी से छोटी चीज पर नजर रख रहे हैं, जबकि पूरा चुनाव प्रबंधन उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री एवं वर्तमान में राष्टÑीय महामंत्री सुनील बंसल संभाले हुए हैं। उन्होंने ही काशी में कई माह पहले से कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई हुई है। इन कार्यकर्ताओं से जहां वे पहले वर्चुअल बैठक करते थे, वहीं इन दिनों खुद डेरा डाले बैठे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कभी भी काशी पहुंच जाते हैं तथा पदाधिकारियों के साथ ही मंत्रियों से चुनावी प्रबंधन पर बात कर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। अब जबकि चुनाव प्रचार के लिए मात्र दो दिन का समय बचा है ऐसे में देशभर से और खासकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से कार्यकर्ता काशी पहुंच रहे हैं।

ये कार्यकर्ता अपने जिले में बोल कर निकलते हैं पार्टी ने काशी में ड्यूटी लगाई है। लेकिन ड्यूटी कोई नहीं लगा रहा। ये काशी पहुंचकर बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेने के बाद काशी के कोतवाल भैंरो मंदिर में माथा टेकने के बाद जहां भी दर्शनों के लिए जा सकते हैं जैसे संकट मोचन मंदिर, अस्सी घाट या कोई अन्य स्थान वहां पर दर्शन और घूमने के साथ ही फोटोग्राफी करवाने के साथ ही सोशल मीडिया पर डालते हैं। कुछ लोगों को कोई बड़ा नेता मिल जाये तो उसके साथ फोटो खिंचवाने के बाद लिखा जाता है चुनाव पर चर्चा करते हुए। उससे लगता है कि महाशय के पास बड़ी जिम्मेदारी है। इनके बगैर मोदी जी का कुछ नहीं होने वाला।

इन सब के चलते भाजपा के चुनावी प्रबंधक परेशान हो चुके हैं। इसका कारण यह है कि यदि किसी को काशी बुलाया जाता है तो होटलों पर हाऊस फुल का बोर्ड लगा नजर आता है। ऐसे ही धर्मशालाओं में भी जगह नहीं। इन बिन बुलाये लोगों ने भाजपा प्रबंधन को परेशान कर दिया है। लेकिन इनको धक्का कौन मारे। इन दिनों तो स्थिति यह है कि प्रदेश सरकार के अधिकांश मंत्री, प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही केंद्र सरकार के मंत्रियों ने भी काशी में डेरा डाला हुआ है। अब इस भीड़ पर जिम्मेदारी है कि वे प्रधानमंत्री मोदी को देश में सबसे ज्यादा वोटों से जीत दिलायें।


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