- राजधानी में पारा 47 डिग्री पर पहुंचा
बृजेश सिंह, नई दिल्ली। उत्तर भारत में इन दिनों तेज धूप तथा लू के चलते बड़े पैमाने पर लोग बीमार हो रहे हैं। राजधानी दिल्ली में पिछले चौबीस घंटे में पारा 47 डिग्री तक पहुंच चुका है। गर्मी के चलते कुछ लोगों गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी खतरा हो सकता है। अधिक उम्र के लोग और बच्चों को इस दौरान ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ज्यादा देर तक गर्मी या धूप के संपर्क में रहने से हीट स्ट्रोक, बेहोशी, चक्कर आने, लो ब्लड प्रेशर, हृदय गति में असमानता जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। जिन्हें पहले से डायबिटीज, हार्ट और ब्लड प्रेशर की समस्या है, उनके लिए यह गर्मी और अधिक खतरा पैदा कर सकती है।
बरतें सावधानी
तेज गर्मी और लू के कारण शरीर में पानी की कमी होना सामान्य है और इससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने का खतरा रहता है। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उनकी रक्त वाहिकाओं-तंत्रिकाओं को भी नुकसान पहुंचाने लगती है। इससे शरीर में पसीना नहीं बनने की स्थिति पैदा हो जाती है और शरीर को ठंडा रखने की इस प्रक्रिया के रूकते ही हीट स्ट्रोक का खतरा पैदा हो जाता है। हीट स्ट्रोक में तेज सिरदर्द, भ्रम, मतली, चक्कर आने, शरीर का तापमान 103 डिग्री से ऊपर होने, त्वचा लाल होने, चेतना की हानि जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
हृदय और फेफड़ों की क्षमता पर असर
अत्यधिक गर्मी हृदय पर दबाव डालती है, जिससे उसे अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यदि आपका हृदय प्रणाली शरीर के आंतरिक तापमान को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाता है तो गर्मी से थकावट या हीट स्ट्रोक होने का भी खतरा हो सकता है। तेज गर्मी में सांस लेने से फेफड़ों की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है। पहले से ही फेफड़ों की समस्याओं के शिकार लोगों को गर्मियों में सूजन बढ़ने के साथ अस्थमा या सीओपीडी जैसी बीमारियों का खतरा हो सकता है। अत्यधिक गर्मी से त्वचा पर दाने हो सकते हैं।
किडनी रोगों का खतरा
अत्यधिक गर्मी से शरीर में पानी की कमी होने का खतरा रहता इससे किडनी की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है। किडनी के लिए सामान्य रूप से अपशिष्टों को फिल्टर कर पाना कठिन हो जाता है, जिसके कारण कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के जोखिम बढ़ने का खतरा हो सकता है।
मस्तिष्क की बीमारियों का खतरा
तापमान की समस्या, विशेषतौर पर उच्च तापमान के कारण मस्तिष्क की सेहत पर गंभीर असर हो सकता है। द लैंसेट न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक हालिया शोध में पाया गया है कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ती तेज गर्मी के कारण माइग्रेन और अल्जाइमर जैसी मस्तिष्क से संबंधित बीमारियों के शिकार लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। यूनिवर्सिटी आॅफ कॉलेज लंदन के इंस्टीट्यूट आॅफ न्यूरोलॉजी के प्रमुख शोधकर्ता संजय सिसोदिया ने बताया कि तापमान में परिवर्तन (कम और अधिक दोनों) मस्तिष्क के लिए हानिकारक है।
बचाव के लिए क्या करें?
- शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए खूब पानी पीते रहें।
- सूती और ढीले कपड़े पहनें। ये शरीर को ठंडा रखने में मददगार है।
- पूरे कपड़े पहनें, हाथों को अच्छे से कवर करके रखें।
- दोपहर के समय घर से अनावश्यक रूप से बाहर जानें से बचें।
क्या न करें?
- गर्मी से बचाव के लिए बच्चों और जानवरों को गाड़ी में न छोड़ें।
- दोपहर के समय बाहर किसी भी प्रकार की गतिविधियों से बचें।
- शराब- काबोर्नेट ड्रिंक्स पीने से बचा जाना चाहिए।
- धूप के सीधे संपर्क में आने से बचा जाना चाहिए।