Dainik Athah

मुख्य सचिव ने जल जीवन मिशन एवं भूगर्भ जल विभाग के कार्यों की समीक्षा की

जल जीवन मिशन के तहत 82.90 प्रतिशत घरों को नल कनेक्शन से किया आच्छादित

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र द्वारा जल जीवन मिशन एवं भूगर्भ जल विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने जल जीवन मिशन के तहत 82.90 प्रतिशत घरों को नल कनेक्शन से आच्छादित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अवशेष घरों को जल्द से जल्द योजना से आच्छादित किया जाये। भीषण गर्मी में कहीं भी पानी की किल्लत नहीं होनी चाहिये। भूगर्भ जल निधि से जल संचयन एवं संवर्धन के कार्य कराये जायें। वर्षा जल संचय के लिये शासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली स्थापित की जाये। भूजल संचयन एवं संवर्धन हेतु आम जनमानस को जागरूक किया जाये।

समीक्षा के दौरान बताया गया कि जल जीवन मिशन से 2,65,59,189 घरों के सापेक्ष 2,20,17,328 घरों को नल कनेक्शन से संतृप्त किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 82.90 प्रतिशत है, जबकि 15 अगस्त, 2019 को मात्र 1.94 प्रतिशत घर ही योजना से संतृप्त थे। वर्तमान में 50 प्रतिशत हाउसहोल्ड्स को वाटर कनेक्शन देने के मामले में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है। कम्पोनेन्टवाइज रिपोर्ट में बताया गया कि अब तक 38914 के सापेक्ष 38,421 ट्यूबवेल तथा 38364 के सापेक्ष 35,860 पम्प हाउस को क्रियाशील कराया जा चुका है। इसी प्रकार 9514 के सापेक्ष 7576 क्लोरिनेशन प्लांट को क्रियाशील, 1,67,865 के सापेक्ष 1,32,385 किमी रोड रेस्टोरेशन, 5,04,352 किमी के सापेक्ष 4,53,114 किमी पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसी तरह 33,976 सोलर पैनल के सापेक्ष 26,578 सोलर पैनल लगाने का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसकी क्षमता 844.80 मेगावाट है।

यह भी बताया गया कि वर्ष 2017 की तुलना में वर्तमान में प्रदेश के 36 जनपदों के औसत भूजल स्तर में सुधार हुआ है एवं 34 विकास खण्ड संकट ग्रस्त श्रेणी से बाहर आये हैं। वर्ष 2023-24 में लगभग 50,000 वर्ग मीटर छत के क्षेत्रफल कोे आच्छादित करते शासकीय/अर्द्ध शासकीय भवनों में रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना का कार्य पूर्ण किया गया।

बच्चों को जल के महत्व को समझाने हेतु जल ज्ञान यात्रा के तहत सरकारी स्कूलों के उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में से अब तक 68 जनपदों में कुल 72 जल ज्ञान यात्राओं का आयोजन किया गया है, जिसमें कुल 688 विद्यालयों के 10222 बच्चे तथा 1000 से अधिक अध्यापक व अध्यापिकाओं ने प्रतिभाग किया। यह एक्पोजर विजिट सरकारी खर्चे से पूरी तरह मुक्त है। इस यात्रा को विभिन्न मीडिया हाउस, कारपोरेट और सामाजिक संगठनों के सहयोग से संचालित की जा रही है। भ्रमण के दौरान बच्चों को पानी की गुणवत्ता की जांच, पेयजल को हर घर तक पहुंचाने की प्रक्रिया, ग्रे-वाटर का उपचार, वाटर टेस्टिंग लैब, वाटर ट्रीटमेंट प्लान्ट, वर्षा जल संचयन, सोर्स सस्टेनेबिलिटी एवं इत्यादि के प्रति जागरूक किया जाता है।
बैठक में प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।


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