- विकास ही नहीं विनाश के जिम्मेदार भी होंगे जीडीए और नगर निगम
- मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर दर्ज हुआ धारा 304-ए का मुकदमा
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। जिले की एक अदालत ने लापरवाही से मौत के एक मामले में अभूतपूर्व और महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। पार्क के इर्द-गिर्द फेंसिंग के लिए लगाए गए तार की चपेट में आकर जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिजनों की गुहार पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम के खिलाफ लापरवाही से किसी व्यक्ति की जान लेने का अभियोग पंजीकृत करने का आदेश जारी किया है। यह पहला अवसर है जब ऐसे किसी हादसे के बाद अदालती आदेश पर जिम्मेदार विभागों के कर्मचारियों की लापरवाही को जनहानि मानते हुए उनके खिलाफ धारा 304 ए में मुकदमा लिखा गया हो।
नगर निगम व जीडीए के कर्मचारियों के खिलाफ यह मुकदमा नंदग्राम थाने मे
मुकदमा अपराध संख्या 445 /2024 के तहत दर्ज किया गया है। थाने में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार मयूर विहार कॉलोनी मसूरी निवासी असलम के भाई अब्दुल कयूम की मौत सड़क पर पड़े, पौधों को बचाने के लिए लगाए गए लोहे के कटीले तारों में उलझ कर घायल होने की वजह से हुई थी। मृतक के भाई असलम ने अदालत को अवगत कराया था कि सड़क पर बिखरे कटीले तार अब्दुल कयूम के गले व हाथ में इस तरह फंस गए थे जिससे उसके कंधे के नीचे का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।जिसकी वजह से कयूम की मौत हुई थी।
जानकार सूत्रों का कहना है कि अदालत का यह आदेश पिछले कई दिनों से पुलिस अधिकारियों के गले की फांस बना हुआ था। जिसमें आज एफआईआर दर्ज हुई है। दोषी कर्मचारियों की तलाश कैसे होगी यह जानना भी दिलचस्प होगा। लेकिन इस प्रकरण में अदालती आदेश मील के पत्थर से कम नहीं है। कयूम की मौत के मामले में दर्ज रिपोर्ट आने वाले समय में एक नजीर भी बन सकती है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि पुलिस के उच्चाधिकारी भी रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर असमंजस की स्थिति में इसलिए रहे कि रिपोर्ट विभाग के मुखिया के खिलाफ दर्ज करवाई जाए या किसी और के खिलाफ दर्ज करवा कर मामले का पटाक्षेप कर दिया जाए? निसंदेह दोषियों की तलाश पुलिस के लिए भी जहां टेढ़ी खीर साबित होगी। वहीं इस तरह की मौत का मामला दो प्रमुख विभागों के लिए एक सबक भी होगा। इस प्रकरण में जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह एवं मृतक के भाई असलम का पक्ष जानने का भी प्रयास किया गया, लेकिन दोनों का ही मोबाइल फोन नहीं उठा।