- तहजीब के शहर में खड़ी बोली वाले पश्चिम के लोग नजाकत के साथ मांग रहे वोट
- केवल राजनाथ सिंह एवं उनके परिवार के नाम पर छोटे से कार्यकर्ता से लेकर सरकार के मंत्री भी बहा रहे पसीना
- रक्षामंत्री एवं उनके पुत्रों से मुलाकात के बाद भाजपा नेताओं में बढ़ जाता है जोश
अशोक ओझा
लखनऊ। लखनऊ को तहजीब का शहर कहा जाता है। गोमती नदी के किनारे बसे इस शहर के लिए एक कहावत भी प्रसिद्ध है वह है ‘बनारस की सुबह और अवध अर्थात लखनऊ की शाम’। तमीज, तहजीब एवं नफासत पसंदगी के लिए विश्व प्रसिद्ध इस शहर के संबंध में इन दिनों एक और बात प्रसिद्ध है ‘मुस्कुराइये आप लखनऊ में है’। मीठी बोली के इस शहर में लोकसभा का चुनाव पूरे प्रदेश के चुनाव से भिन्न है।
भिन्न इस मायने में कि लखनऊ का चुनाव देश के अन्य हिस्सों से पूरी तरह अलग नजर आ रहा है। देश के अन्य हिस्सों में जाने पर यह अहसास ही नहीं होता कि यहां पर इन दिनों लोकसभा चुनाव हो रहा है। दूसरी तरफ लखनऊ की बात करें तो यहां पर हर थोड़ी दूर पर भगवा रंग का पटका गले में डाले अथवा सिर पर कमल निशान वाली टोपी लगाये कार्यकर्ताओं का झुंड नजर आ जायेगा। ये केवल लखनऊ के ही भाजपा कार्यकर्ता नहीं है। ये कार्यकर्ता ऐसे हैं जो पूरे देश से और खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, हापुड़ जिलों से आकर लखनऊ में डेरा डाले हैं। अपने खर्चे पर चुनाव प्रचार में जुटे इन कार्यकर्ताओं की एक ही हसरत है कि उनके प्रिय नेता और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से पहले से ज्यादा मतों से जीतकर तीसरी बार इस सीट से लोकसभा पहुंचे।
लखनऊ पहुंचने के बाद मांगा जाता है निर्देश
लखनऊ पहुंंचने के बाद भाजपा के इन कार्यकर्ताओं का पहला मकसद लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एक भेंट का होता है। यदि राजनाथ सिंह व्यस्त है तो फिर उनके पुत्रों विधायक पंकज सिंह और युवा नेता नीरज सिंह से मुलाकात का। दोनों भाइयों से कार्यकर्ता मुलाकात के बाद निर्देश मांगते हैं कि उन्हें करना क्या है। यहां से मिले निर्देशों के बाद सभी अपने अपने क्षेत्र में पहुंच जाते हैं और जनसंपर्क शुरू कर देते हैं।
केंद्र और प्रदेश सरकार में मंत्री से लेकर आम कार्यकर्ता सभी को समान सम्मान
चाहे वह राजनाथ सिंह खुद हो या फिर उनके दोनों पुत्र पंकज सिंह और नीरज सिंह। सभी के यहां पर आम कार्यकर्ताओं के साथ ही मंत्रियों, विधायकों और सांसदों को समान सम्मान मिलत है। तीनों में से कोई एक भी इनमें से किसी के कंधे पर हाथ रखकर हालचाल पूछ लेते हैं तो बस उनका लखनऊ आना सफल हो जाता है। कालीदास मार्ग और गोमती नगर दोनों ही स्थानों पर कार्यकर्ताओं को भरपूर प्यार और सम्मान मिलता है। दोनों ही पुत्र कार्यकर्ताओं से ऐसे मिलते हैं जैसे वे उनके घर के सदस्य हो।
यदि लखनऊ के किसी फुटपाथ पर माननीय वोट मांगते नजर आयें तो आश्चर्य नहीं
लखनऊ में इन दिनों यह आम है कि आम कार्यकर्ता से लेकर मंत्री और विधायक अपने प्रिय राजनाथ सिंह के लिए वोट मांगते नजर आ जायें। मंत्री और विधायकों को ऐसा करतो देख किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिये। इसके साथ ही भाजपा के पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष भी अपनी पूरी टीम के साथ प्रदेश की राजधानी में पसीना बहाते नजर आ जायेंगे। बस एक चाहत सभी की है कि राजनाथ सिंह पहले से ज्यादा मतों से जीत हासिल करें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खड़ी बोली वाले पश्चिम के लोग भी तहजीब के शहर में नजाकत के साथ वोट मांगते देखे जा सकते हैं।