अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम द्वारा हिंदू मंदिरों को तोड़े जाने के विश्व हिंदू परिषद के आरोपों के बाद नगर निगम बैकफुट आता नजर आ रहा है। निगम अधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर सफाई दी कि उन्होंने विवेकानंद नगर में मंदिर नहीं, रास्ते में अवरोध बने पुजारी के कमरे को तोड़ा है।
विश्व हिंदू परिषद द्वारा बुधवार को नगर निगम पर एक वर्ष में 15 से 29 मंदिरों को तोड़े जाने के आरोप एवं साथ ही दस मई को इस मुद्दे पर नगर निगम पर प्रदर्शन करने की घोषणा के बाद नगर निगम बैकफुट पर नजर आ रहा है। आनन फानन में बुलाई प्रेस वार्ता में नगर निगम अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने विवेकानंद नगर में मंदिर नहीं तोड़ा, बल्कि रास्ते में अवरोध बने पुजारी के आवास को तोड़ा है। यह भी उच्च न्यायालय के आदेश से। इतना ही नहीं निगम अधिकारियों ने एक बात और कही हम अपनी मर्जी से कुछ नहीं तोड़ते। उन्होंने कहा कि मंदिरों को तोड़े जाने के विहिप के आरोपों की जांच करवाई जायेगी।
निगम अधिकारियों ने पत्रकारों द्वारा मजारों के संबंध में पूछे गये सवालों से भी किनारा किया। प्रेस वार्ता में अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार यादव, मुख्य अभियंता एनके चौधरी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी मिथलेश कुमार एवं उद्यान अधिकारी अनुज कुमार उपस्थित थे।
नगर आयुक्त नहीं पहुंचे प्रेस वार्ता में, महापौर को बताया शहर से बाहर
पत्रकारोंं को बताया गया था कि नगर आयुक्त प्रेस वार्ता करेंगे। लेकिन नगर आयुक्त के संबंध में बताया गया कि वे एक बैठक में दिल्ली गये हैं, उन्हें आने में देर हो जायेगी, जबकि महापौर को शहर से बाहर बताया गया।