- राजपूतों की नाराजगी दूर करने को भाजपा ने झौंकी ताकत
- भाजपा में राजपूत समाज के बड़े चेहरे हैं राजनाथ- योगी
- दोनों ने नाराजगी दूर करने का शुरू किया प्रयास, ला सकता है रंग
- एक की छवि किसान नेता की और दूसरे की हिंदुत्व के ध्वज वाहक की
अशोक ओझा
गाजियाबाद। समूचे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूत समाज की नाराजगी को भांप भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व ने डैमेज कंट्रोल करने की शुरूआत कर दी है। डैमेज कंट्रोल की बागडोर पूरी तरह से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई है। इतना ही नहीं आने वाले समय में कुछ और चेहरे डैमेज कंट्रोल में लगाये जा सकते हैं। अब यह समय बतायेगा कि समाज के दोनों प्रमुख चेहरे अपने इस अभियान में कितना सफल हो पायेंगे। हालांकि उम्मीद सौ फीसद सफलता की है।
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पहली बार भाजपा का समर्थक माने जाने वाला राजपूत समाज ही भाजपा को आंखे दिखाने का प्रयास कर रहा है। समाज के लोग राजस्थान से लेकर हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश तक लामबंद हो रहे हैं तथा पंचायतों का दौर चल रहा है। इन पंचायतों में खुलकर भाजपा के विरोध का ऐलान किया जा रहा है। इस विरोध के पीछे कारण भी भाजपा की आपसी गुटबाजी को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। आरोप है कि थाना भवन से सुरेश राणा एवं सरधना से संगीत सोम की हार के पीछे भाजपा के ही वर्तमान सांसद को जिम्मेदार ठहराया गया। इसके साथ ही गाजियाबाद सीट से दो बार के सांसद जरनल वीके सिंह का टिकट काटा गया। इसे भी राजपूत समाज अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गाजियाबाद में प्रत्याशी अतुल गर्ग के नामांकन के दिन गाजियाबाद आये थे। उन्होंने अपने आगमन के साथ ही संदेश देने का प्रयास किया था कि गर्ग को उनका आशीर्वाद प्राप्त है। लेकिन इसके बाद पिलखुवा में विधायक धर्मेश तोमर के कार्यक्रम में जाने के दौरान भाजपा के गाजियाबाद और हापुड़ जिले वाले आपस में ही भिड़ गये थे। राजपूत समाज को साधने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सहारनपुर के बेहट और बुलंदशहर के जहांगीराबाद में जनसभाएं की। इसी दौरान उन्होंने कहा कि हर चुनाव में विपक्षी दल भ्रम फैलाते हैं। कभी कहते हैं भाजपा से ब्राह्मण नाराज है, कभी जाट, कभी पिछड़े तो कभी राजपूत। कांग्रेस से तो पूरा यूपी ही नाराज है। इसके साथ ही उन्होंने कहा केंद्र की राजनीति में यूपी के लिए समय कम निकाल पाता हूं। उन्होंने कहा भाजपा से कोई नाराज नहीं, यह विपक्ष की अफवाह है।
वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र के राधना में जनसभा की। उन्होंने यह कह कर कि वे सरधना के लिए आये हैं। इस प्रकार चौबीसी को संदेश देने का प्रयास किया।
इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ ने अपने एक तरफ प्रत्याशी और केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान को तो दूसरी तरफ पूर्व विधायक संगीत सोम को बैठाया। उन्होंने सोम को समझाने का प्रयास किया और साथ ही उनके कंधे पर हाथ रखकर जनसभा में संदेश देने का काम किया। अब यह तो समय ही बतायेगा कि दोनों नेता राजपूतों को अभी साध पाये या नहीं अन्यथा इन्हें और प्रयास करने होंगे। हालांकि राजनाथ और योगी दोनों को ही राजपूत समाज अपना नेता मानता है। राजनाथ सिंह की दूसरी छवि किसान नेता की तो योगी आदित्यनाथ की हिंदुत्व के ध्वज वाहक की भी है।
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नीरज सिंह तीन दिन रहेंगे गाजियाबाद में साधेंगे राजपूतों को
भाजपा के युवा नेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र नीरज सिंह भी गाजियाबाद में तीन दिन चुनाव प्रचार करेंगे। भाजपा सूत्रों के अनुसार उन्हें राजपूत समाज की नाराजगी दूर करने के लिए बुलाया जा रहा है। वे 16, 17 एवं 21 अप्रैल को गाजियाबाद में और खासकर धौलाना क्षेत्र में सभाएं करेंगे। राजनाथ सिंह का परिवार गाजियाबाद के लोगों के लगातार संपर्क में रहता है, यहीं कारण है कि मुख्यमंत्री योगी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद अब नीरज सिंह को बुलाया जा रहा है।