मंथन : कभी चीन को लेकर अधिकांश भारतीयों को आशंका थी कि भारत चीन के दबाव में आयेगा तथा किसी भी मोर्चे पर उसका मुकाबला नहीं कर पायेगा। लेकिन सीमा से लेकर व्यापार तक भारत ने जैसा रवैया दिखाया है उसने इन आशंकाआें को निर्मूल साबित किया है। भारत ने चीन के समक्ष जब जब मौका आया सीमा पर उसे आंख दिखाने अथवा पीछे धकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इसके साथ ही भारत ने ऊंचाई वाली तीन चोटियों पर कब्जा कर चीन को बता दिया है कि उसे र्इंट का जवाब पत्थर से दिया जायेगा। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने दो बार पहले चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाकर एवं अब तीसरी बार डिजिटल स्ट्राइक के जरिये 118 चीनी एप पर प्रतिबंध लगाकर यह जता दिया है कि भारत उससे कहीं भी दबने वाला नहीं है। जिस प्रकार भारत की विकास की योजना में चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया था वह भी चीन को सीधे सीधे जवाब था कि भारत हर क्षेत्र में उससे मुकाबला करेगा, पीछे नहीं हटेगा।
बुधवार को जिस प्रकार भारत ने 118 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाया है उसमें पबजी पर रोक लगने से भारत में बच्चों व युवाओं की जान जाने का सिलसिला रुकेगा। इससे करोड़ों अभिभावकों ने चैन की सांस ली होगी। यह एप बच्चों एवं युवा पीढ़ी को गलत रास्ते पर लेकर जा रहा था। चीन से विवाद के बाद भारत की अब तक की सभी कार्रवाई को संतोषजनक कहा जा सकता है।
इसके साथ ही इन कार्रवाईयों ने यह भी साबित कर दिया कि भारत चीन के खिलाफ रक्षात्मक नहीं आक्रामक मुद्रा में है। इस प्रकार के निर्णयों से हर भारतीय को जहां गर्व महसूस हो रहा है, वहीं भारतीय कंपनियों के लिए नया बाजार भी तैयार हो रहा है।