अथाह संवाददाता , ग़ाज़ियाबाद । सत्ता के सिंहासन पर विराजमान होते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने संपूर्ण प्रदेश की सड़कों के गड्ढों को 100 दिन में भरने का फरमान सुनाया था। सीएम ने जिस कड़क लहजे में आदेश दिया था उससे लगा था कि हो न हो अब बदहाल सड़कों के दिन बहुरेंगे।
सीएम के तीन महीने क्या तीन साल बीत जाने के बाद भी शहर की सड़कें आज भी जस की तस हैं। सरकार को पूरे 3 साल हो गए लेकिन गाजियाबाद की अधिकतर सड़कें आज भी अपनी हालत पर कराह रही है। पाश कॉलोनियों को छोड़कर जिले की अधिकतर सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। बारिश में गड्ढों में पानी भरने से दुर्घटनाओं को बढ़ावा मिलता है तो बच्चे व वाहन आए दिन हादसों का शिकार होते हैं।
महापौर ने भी कई बार शहर की सड़कों के गड्ढों को भरने का फरमान जारी किया लेकिन पता नहीं ठेकेदार या नगर निगम कहां किस सड़क के गड्ढे भरते हैं। सबसे खस्ताहाल विजय नगर क्षेत्र की है किसी भी रोड पर चले जाए सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आएंगे।
विजय नगर थाने से संतोष मेडिकल तिराहे तक, गौशाला ल से एनएच 9 तिराहा, प्रताप विहार, डासना गेट से मालीवाड़ा चौक तक आरडीसी सहित शहर की तमाम सड़कें अपनी बदहाली पर रो एहि है। विजयनगर थाना से संतोष मैडिकल तक बनाई गई सड़क 1 साल बाद ही जर्जर हो गई।
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने महानगर की सड़कों को साफ करने के लिए स्वीपिंग मशीन उतारने का ऐलान किया है। ऐसे में सफाई केवल पाश कालोनियों की सड़को की ही हो पाएगी। क्योंकि लाइनपार क्षेत्र की सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं ।
ऐसे में इन गड्ढों में फंसकर खराब ना हो जाए और लाइनपार क्षेत्र की सड़कें अपनी बदहाली पर आंसू बहाती रहे। लाखों में चुनाव में यहां के मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं जनप्रतिनिधि चुनाव में छाती ठोक कर वादे तो करते हैं लेकिन जीतने के बाद क्षेत्र की सुध लेने वाला कोई नहीं रहता आज सबसे बुरा हाल है तो लाइन पर विजय नगर क्षेत्र का जहां हर जन समस्या सरकारी दावों को मुंह चिढ़ा रहा है।
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