निगम हुआ जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा ने बुझा दिया एक घर का चिराग बारिश के पानी से जलाशय बने गौशाला अंडर ब्रिज में डूबने से युवक की मौत।
स्थानीय लोगों में निगम के प्रति आक्रोश
गाजियाबाद। शुक्रवार सुबह हुई मूसलाधार बारिश ने जहां पूरे महानगर को पानी पानी कर दिया वही विजय नगर क्षेत्र के गौशाला अंडर ब्रिज में भरे पानी में डूबने से 19 वर्षीय एक लड़के की जान चली गई। यह पहला मौका नहीं है जब बरसात के सीजन में गौशाला अंडरब्रिज में पानी भरा हो।
मामूली बारिश में भी गौशाला अंडरब्रिज जलाशय बन जाता है। क्षेत्रीय लोगों ने नगर निगम से हर बार पानी निकासी की समस्या का समाधान करने की मांग उठाई लेकिन आज तक निगम अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगी। शुक्रवार को हुई झमाझम बारिश से गौशाला अंडर ब्रिज ने जलाशय का रूप ले लिया।
बताते हैं कि बारिश में कुछ बच्चे पानी में खेल रहे थे इसी दौरान गोलू उर्फ गुल्लू पुत्र सोनी व अर्जुन नामक लड़के ऊपर से पानी मे कूद गए। अंडरपास में पानी अधिक होने से बच्चे डूबने लगे। डूबते लड़कों की चीख सुनकर वहां से गुजर रहे सलमान, इमाम खान ने प्रेम नगर साइड में कूदे गुल्लू को तो बचा लिया लेकिन विजय नगर साइड में कूदे अर्जुन उर्फ हड्डी को हाशिम गुलफाम काफी देर तक ढूंढते रहे बड़ी मुश्किल से अर्जुन को निकाला गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। युवकों ने लोगों की मदद से रस्सी के सहारे लड़के को निकाला।
मौके पर पहुंचे विजयनगर एसएचओ देवेंद्र सिंह विष्ट, कोतवाली इस्पेक्टर विष्णु कौशिक ने मृतक को मोर्चरी भेज दिया। अंडरपास में लड़के के डूबने की सूचना पर पुलिस के अलावा अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, मुख्य अभियंता मोइनुद्दीन पार्षद सुनील यादव, जाकिर अली सैफ़ी सहित सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। थी मृतक की पहचान केला खेड़ा निवासी गुल्लू पुत्र सोनू के रूप में हुई है। इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह विष्ट ने बताया कि अर्जुन कबाड़ एकत्र कर भोला के यहां बेचता था। उसके परिजनों की तलाश की जा रही है।
अर्जुन की मौत का जिम्मेदार कौन। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम प्रशासन हमेशा विजय नगर क्षेत्र को हेय दृष्टि से देखता है। यही वजह है कि लाइनपार क्षेत्र में समस्याओं का अंबार है। हर साल गौशाला अंडर ब्रिज में पानी भर जाता है जिससे लोग पूरी तरह शहर से कट जाते हैं और बच्चों के डूबने का खतरा रहता है।
पानी निकासी के लिए हर बार कहा जाता है लेकिन कभी नगर निगम अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया जिसका नतीजा है कि अर्जुन की जान चली गई। अब सवाल उठता है कि अर्जुन की मौत का आखिर जिम्मेदार कौन है। समय रहते यदि अंडर ब्रिज में भरने वाले पानी की निकासी का समाधान हो जाता तो शायद अर्जुन की मौत ना होती, लोगों में निगम के प्रति खासा आक्रोश है। लोगो का कहना है कि नगर निगम व जनप्रतिनिधियो की उपेक्षा ने एक माँ से उसका लाल छीन लिया।