- जिले के प्रभारी मंत्री के समक्ष भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर उठाये पुलिस- नगर निगम के मुद्दे
- कार्यकर्ताओं ने बैठक में कहा कमिश्नरेट से बेहतर तो कप्तान ही थे, सुनते तो थे
- छोटे- छोटे मामलों में समझौता होने के बावजूद भेजा जाता है जेल, पार्टी की छवि हो रही खराब
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। प्रदेश के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार एवं जिले के प्रभारी मंत्री असीम अरुण ने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अफसरों से कहा आवश्यक होने पर ही 151 में जेल भेजने की कार्रवाई हो। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वाहनों के चालान कैमरों के जरिये हो। जिस प्रकार चालान हो रहे हैं उससे जनमानस में गलत संदेश जा रहा है।
बता दें कि जिले के प्रभारी मंत्री असीम अरुण बुधवार को सबसे पहले खोड़ा कालोनी का निरीक्षण करने गये थे। इसके बाद उन्होंने आईटीएस कॉलेज में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और उनकी बातें सुनी। बैठक में कार्यकर्ताओं ने गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस के रवैये के प्रति नाराजगी व्यक्त की। अधिकांश कार्यकर्ताओं ने कहा कि छोटे छोटे मामलों में पुलिस 151 में लोगों को जेल भेजने का काम कर रही है। समझौता होने के बाद भी पुलिस समझौते को न मानकर जेल भेज देती है। इससे पार्टी को नुकसान हो रहा है। जेल भेजने पर लोगों का समय और पैसा अधिक खर्च हो रहा है।
इसके साथ ही आरोप लगाया कि यातायात पुलिस जब से कमिश्नरेट बनी है तब से आम जनता की परेशानियां बढ़ गई है। जब कमिश्नरेट नहीें थी उस समय एसएसपी तक पहुंच आसान थी, लेकिन कमिश्नर दिखाई ही नहीं देते। इसके साथ ही कहा कि यातायात पुलिस की स्थिति यह हो गई है कि उसका ध्यान यातायात पर कम और चालान पर अधिक है। हर चौराहे पर चार से आठ यातायात पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं जिनके हाथ में मोबाइल होते हैं और पीछे से गाड़ी का फोटो खींचते हैं। चालान भी भारी भरकम होते हैं। महानगर मीडिया प्रभारी अश्वनी शर्मा ने कहा आवासीय क्षेत्रों में बने बाजारों में पार्किंग कहीं नहीं है, कोई भी सामान खरीदने जाता है तो उसका चालान हो जाता है। उन्होंने सैनिकों- पूर्व सैनिकों के हाऊस टैक्स का मुद्दा भी उठाया जो शासन में लंबित है। इससे आने वाले समय में पार्टी कार्यकर्ताओं की परेशानियां बढ़ेगी। सफाई कर्मचारी नेता प्रदीप चौहान ने कहा सफाई कर्मचारियों की कमी है। नगर निगम को 5200 कर्मचारी चाहिये, लेकिन है तीन हजार।
बैठक में नगर निगम के भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठा तथा स्ट्रीट लाइटों के साथ ही कूड़े की समस्या भी उठाई गई।
कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद पुलिस लाइन पहुंचे प्रभारी मंत्री असीम अरुण ने कमिश्नरेट के अधिकारियों जिनमें पुलिस कमिश्नर से लेकर एसीपी तक थे को स्पष्ट किया कि नियमों के अनुसार 151 में कार्रवाई हो। यदि कोई जमानत न दे पाये तभी और विशेष मामलों में जेल भेजने की कार्रवाई करें, हर मामले में जेल भेजना उचित नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने पूछा मुचलका कितने का भरवाते हो तो पता चला कि 50 हजार से लेकर पांच लाख रुपये तक के मुचलके भरवाये जा रहे हैं। इस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा सीआरपीसी के अनुसार चलें तथा मुचलका कम लें। यह उचित नहीं है। उन्होंने पुलिस द्वारा की जा रही वसूली पर भी नाराजगी व्यक्त की और कार्रवाई के निर्देश दिये।
टारगेट पूरा करने के लिए न हो चालान, ध्यान जाम न लगने पर हो
असीम अरुण ने इसके साथ ही सख्ती से कहा कि केवल टारगेट पूरा करने के लिए चालान करना उचित नहीं है। टारगेट पूरा नहीं होगा तो पहाड़ नहीं टूट जायेगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यातायात पुलिस का ध्यान चौराहों की यातायात व्यवस्था पर हो, चालान सीसीटीवी कैमरों के जरिये हो। इसमें मोबाइल का सहारा लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर यदि यातायात पुलिस जाम की समस्या पर ध्यान देगी तो जनता भी उसकी सराहना करेगी। इस बैठक में राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, विधायक अजीत पाल त्यागी, महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष ममता त्यागी, विधायक धर्मेश तोमर, कुलदीप सिंह चौहान, सौरभ जायसवाल समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
चंद्रयान 3 की लैंडिंग भी देखी प्रभारी मंत्री ने
प्रभारी मंत्री असीम अरुण समेत बैठक में उपस्थित सभी लोग बाद में पुलिस लाइन के बैडमिंटन हॉल में पहुचे और वहां पर चंद्रयान 3 की लैंडिंग देखी। इसके बाद सभी ने एक- दूसरे को बधाई दी।