Dainik Athah

मैराथन बैठकों में होगा मंथन, फिर निकलेगा अमृत और विष

  • पांच या उसके बाद ही होगी अध्यक्षों- क्षेत्रीय कमेटियों की घोषणा
  • लखनऊ में तीन से पांच तक होगी मैराथन बैठकें
  • तीसरी और अंतिम बैठक में संघ के वरिष्ठ लोगों से होगी सलाह

अशोक ओझा
लखनऊ।
भारतीय जनता पार्टी के जिला एवं महानगर अध्यक्षों की घोषणा में देरी का क्रम लगातार जारी है। यदि सूत्रों पर भरोसा करें तो अब पांच अथवा छह अगस्त तक जिला- महानगर अध्यक्षों के साथ ही क्षेत्रीय कमेटियों की घोषणा की जायेगी।
बता दें कि भाजपा के जिला व महानगर अध्यक्षों की सूची तैयार होने के बावजूद उनकी घोषणा नहीं हो पा रही है। दैनिक अथाह पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि प्रदेश नेतृत्व खुद से किसी भी प्रकार का निर्णय लेने से बच रहा है तथा इससे पहले वह केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही प्रदेश के नेताओं से भी सहमति बनाने का प्रयास कर रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव प्रदेश नेतृत्व की परीक्षा होगा। इस चुनाव में भाजपा के सामने 80 में से 80 सीटें जीतने का लक्ष्य है। केंद्रीय नेतृत्व भी उत्तर प्रदेश को लेकर गंभीर है। यदि कोई भी कमी रह जाती है तो उसका ठीकरा प्रदेश नेतृत्व के सिर फूटना तय है।

लक्ष्य हारी सीटों को जीतने का तो है, साथ ही भाजपा अपने हाथ से कोई भी जीती हुई सीट जाते बर्दाश्त नहीं कर पायेगी। यहीं कारण है कि जिला व महानगर अध्यक्षों के मामले में किसी एक की चलती नजर नहीं आ रही। यदि कोई नेता किसी दावेदार की पैरवी करेंगे तो सीट जीताने की जिम्मेदारी भी लेनी होगी।

भाजपा के सूत्रों का कहना है कि यहीं कारण है कि पिछले दिनों दिल्ली दौरे पर गये भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को केंद्रीय नेतृत्व से कुछ इशारा मिला है इसके बाद ही सूची घोषित करने में देरी हो रही है। सूत्रों की मानें तो आगामी तीन अगस्त को लखनऊ में वरिष्ठ नेताओं की बैठक होगी जिसमें जिला व महानगर अध्यक्षों के नामों पर विचार किया जायेगा। इस बैठक में प्रदेश के सभी क्षेत्रीय अध्यक्षों के भी मौजूद रहने की उम्मीद है। इसके बाद चार अगस्त को क्षेत्रीय कमेटियों को लेकर विचार विमर्श किया जायेगा। इसके बाद अंत में पांच अगस्त को प्रदेश के राष्टÑीय स्वयं सेवक के वरिष्ठ अधिकारियों से विचार विमर्श के बाद ही इस बार महानगर व जिला अध्यक्षों की सूची की घोषणा की जायेगी।

यह भी संभव है कि पहले दो दिन में जिन नामों के ऊपर मुहर लगे वे नाम तीसरे दिन बदल दिये जायें। चूंकि सात अगस्त से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। इस मौके पर प्रदेश के सभी विधायक भी छह अगस्त को लखनऊ पहुंंच जायेंगे। इसी दिन भाजपा विधानमंडल दल की बैठक भी है। सूत्र बताते हैं कि विधायकों के दबाव से बचने के लिए पांच अगस्त तक अध्यक्ष पदों के नामों के साथ ही क्षेत्रीय कमेटियों की घोषणा भी कर दी जाये। अब देखते हैं कि आने वाले दिनों में किसका सितारा चमकता है और जिसे अमृत पीने को मिलेगा और किसके हिस्से में पीने के लिए विष आयेगा।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *