Dainik Athah

रेटिंग सिस्टम से उत्तर प्रदेश में ई-आॅफिस को मिलेगी रफ्तार

  • राज्य में ई-आॅफिस कार्यान्वयन को लेकर प्रतिबद्ध सीएम योगी के निर्देश पर तेजी से सभी विभाग हो रहे हैं डिजिटाइज
  • पुरानी फाइलों के डिजिटाइजेशन समेत मौजूदा कार्यप्रणाली को भी डिजिटाइज करने की दिशा में उठाए जा रहे हैं अभूतपूर्व कदम
  • 17.19 लाख से ज्यादा फाइलें समस्त सरकारी विभागों में अब तक हो चुकी हैं डिजिटाइज, 30 से ज्यादा विभागों में शुरू हुई लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम प्रदेश’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने सभी सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों व सरकार से संबद्ध स्वायत्त निकायों में ई-आॅफिस के कार्यान्वयन को लेकर प्रयास तेज कर दिए हैं। केंद्र सरकार की तर्ज पर ई-आॅफिस इनीशिएटिव्स को सरकारी महकमों में पूरी तरह से लागू करने के लिए प्रयासरत प्रदेश सरकार ने सीएम योगी के दिशा-निर्देशन में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। प्रदेश में अब तक 17.19 लाख से ज्यादा फाइलों को डिजिटाइज करने में सफलता मिली है। इसमें पुरानी फाइलों के डिजिटाइजेशन के साथ ही नई फाइलों का निर्माण भी शामिल है। प्रदेश में ई-आॅफिस इंप्लिमेंटेशन की स्थिति में सुधार के लिए अब एक नई पहल के तौर पर जल्द ही सभी सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों व सरकार से संबद्ध स्वायत्त निकायों में ई-आॅफिस इंप्लिमेंटेशन को लेकर रैंकिंग सिस्टम जारी किया जा सकता है। इससे विभागों में ई-आॅफिस दक्ष अधिकारियों व कर्मचारियों को चिह्नित कर उनके द्वारा किए गए सफल ट्रांजेक्शंस के आधार पर रेटिंग सिस्टम बनाया जाएगा। इसी डायरेक्ट रेटिंग सिस्टम के जरिए टॉप परफॉर्मिंग अधिकारियों व कर्मचारियों की रैंकिंग तैयार की जाएगी। वहीं, विभागों की भी रैंकिंग का निर्धारण इस प्रक्रिया के जरिए हो सकेगा।

30 से ज्यादा विभागों में लाइव स्ट्रीमिंग सुविधा उपलब्ध
प्रदेश में फिलहाल 30 से ज्यादा विभागों में लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा उपलब्ध है। वहीं, राज्य सरकार से संबद्ध 96 से ज्यादा आफिसों में ई-आॅफिस प्रक्रिया को सुचारू करने में सफलता मिली है। इस प्रकार, ई-आॅफिस के क्रियान्वयन को सुचारू रूप से लागू करने के लिए 2000 से ज्यादा कर्मियों की ट्रेनिंग नोडल एजेंसी द्वारा की गई थी। इसी के आधार पर सभी विभागों, उपक्रमों व स्वायत्त निकायों में इन कर्मियों द्वारा आगे अन्य कर्मियों को ई-आॅफिस इंप्लिमेंटेशन में ट्रेंड किया गया। इसका असर ये हुआ है कि 3000 से ज्यादा डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) नोडल एजेंसी द्वारा जारी किए गए और सभी विभागों, उपक्रमों व स्वायत्त निकायों की ई-मेल आईडी का भी निर्माण किया गया। प्रदेश में अब तक 17.19 लाख से ज्यादा फाइलें ई-आॅफिस नियमों के अनुसार डिजिटाइज हो चुकी हैं। इसमें नव निर्मित फाइलें और पुरानी फाइलों का डिजिटाइज्ड प्रारूप भी शामिल है।

जिलों में भी ई-आॅफिस के प्रसार पर फोकस
सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, प्रदेश के सभी जिलों में ई-आॅफिस इंप्लिमेंटेशन को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना विकसित की गई है। प्रदेश में सरकारी विभागों के मुख्यालयों, निदेशालयों समेत अन्य महत्वपूर्ण विभागीय दफ्तरों में तो पहले से ही ई-आॅफिस इंप्लिमेंटेशन सुचारू है, मगर जिला स्तर पर भी इसके व्यापक प्रसार और दैनिक कार्यप्रणाली में इस्तेमाल को लेकर दिशा-निर्देश तय कर दिए गए हैं। न केवल जिले बल्कि सभी विभागों में पुरानी फाइलों के डिजिटाइजेशन को लेकर अगले एक महीने महत्वपूर्ण हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि अगले एक महीने में ज्यादातर विभागों की सभी पुरानी फाइलों के डिजिटाइजेशन का कार्य पूरा हो जाए। दूसरी ओर, जिला स्तर पर डायरेक्ट रेटिंग सिस्टम को लागू करने और उसके क्रियान्वयन को लेकर समिति का गठन, उसकी मॉनिटरिंग के लिए हर महीने बैठक और रेटिंग के आधार पर टॉप परफॉर्मिंग कर्मी व विभागों की लिस्टिंग जैसी प्रक्रियाएं को अंतिम रूप देने के प्रयास जल्द शुरू हो जाएंगे। इसमें से सभी विभागों की दैनिक कार्यप्रणाली में ई-आॅफिस इनीशिएटिव्स को दक्षतापूर्वक लागू करने में अव्वल रहने वाले टॉप 10 जिलों की हर महीने लिस्टिंग तैयार की जाएगी।


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