रोल के अनुसार भारत निभा रहा अपनी भूमिका
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। दुनियां इस साल अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मना रही। यह आयोजन भारत की पहल पर हो रहा है। लिहाजा इसे सफल बनाने में भारत की भूमिका भी सबसे महत्वपूर्ण है। भारत को इसका अहसास है, और वह यह कर भी रहा है। हाल के कुछ इवेंट्स को देखें तो काशी से लेकर वाशिंगटन तक मिलेट्स का जलवा रहा।
वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ भोज में अन्य व्यंजनों के साथ बाजरा के व्यंजन और मिलेट्स के केक भी थे। इसके ग्रेमी अवार्ड विजेता भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक फालू के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिलेट को प्रोत्साहित करने के लिए,” द अवंडस आॅफ मिलेट्स” के नाम से एक गाना भी लिखा था। यह गाना गत 16 जून को रिलीज हुआ था। पिछले दिनों काशी में आयोजित जी20 के सम्मेलन में भी विदेशी मेहमानों और अन्य गणमान्य लोंगों के लिए मिलेट्स के व्यंजन को तरजीह दी गई थी।
घोषणा होने के साथ ही योगी सरकार ने शुरू कर दी थी तैयारी
चूंकि भारत 2018 में ही राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मना चुका है। उत्तर प्रदेश में हजारों वर्षों से मोटे अनाजों की खेती मि परंपरा रही है। लिहाजा प्रदेश की योगी सरकार की उसकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका थी। अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के लिए उनकी पहल पर घोषणा होने के साथ ही इसकी सफलता की रणनीति बन चुकी थी। यह क्रम लगातार जारी है।
गन्ना विभाग मिलेट्स को बनाएगा मिशन शक्ति का जरिया
कुछ दिनों पहले खूबियों से भरपूर गुड़ और मोटे अनाजों को प्रसंस्कृत कर उसे और उपयोगी बनाने के लिए गन्ना एवं चीनी विभाग ने भी पहल की। गन्ना शोध परिषद ने एक निजी संस्था के साथ इस बाबत एमओयू (मेमोरंडम आॅफ अंडरस्टैंडिंग) किया। इस एमओयू के तहत गुड़ को मिलेट्स के अलावा औषधीय मसलों के साथ प्रसंस्कृत कर पहले से ही गुडकारी गुड़ सेहत के लिहाज से और उपयोगी बनाया जाएगा। इससे विभाग से जुड़ी महिला समितियों को भी जोड़ा जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर महिलाओं को रोजगार मिलेगा। एक तरीके से यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मिशन नारी सशक्तिकरण की ही एक कड़ीं होगा।
मिलेट्स ही हो सकता है दूसरे कृषि कुंभ का थीम
मोटे अनाजों को प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर मुख्यमंत्री खुद, उनके मंत्री और शासन के वरिष्ठ लोग कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते। आयोजन कोई हो उसके मीनू में मिलेट्स के व्यंजन जरूर रहते हैं। इस साल अक्टूबर नवंबर में उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित कृषि कुंभ की थीम भी अंर्तराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष पर ही केंद्रित रहने की संभावना है। यह प्रदेश सरकार का दूसरा कृषि कुंभ होगा। पहले कृषि कुंभ का आयोजन योगी 01 में हुआ था।