Dainik Athah

‘मातृत्व दिवस’ के रूप में मनाया जायेगा ‘मां हीराबेन मोदी’ का जन्म शताब्दी वर्ष

  • छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विस्वभूसन हरिचंद्रन होंगे मुख्य अतिथि
  • संगोष्ठी, पुस्तक, स्मारिका के साथ माँ को दी जाएगी सच्ची श्रद्धांजलि।
  • मां हीराबेन जितनी सरल थी, उतनी ही असाधारण थी : जसीम मोहम्मद

अथाह ब्यूरो
नई दिल्ली
। धैर्य-सेवा-समर्पण-त्याग और स्नेह की साक्षात प्रतिमूर्ति सागर समतुल्य हीराबेन जैसी उस मां की पावन स्मृतियों को सादर समर्पित ‘मातृत्व दिवस’ के रूप में मनाया जायेगा।
नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र द्वारा अयोजित मां हीराबेन मोदी के १००वी जयंती पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी जिसका विषय ‘मा की ममता और स्नेहिल छाया : नरेंद्र मोदी की शाश्वत प्रेरणा’ दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के मल्टीपरपज हॉल में रविवार को सांय चार बजे में आयोजन किया जा रहा है।

नमो केंद्र के सभापति प्रोफेसर जसीम मोहम्मद ने बताया की संगोष्ठी के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विस्वभूसन हरिचंद्रन होंगे, विशिष्ट अतिथि पांडिचेरी के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी एवं ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी लक्ष्मी दीदी होंगी तथा असम के पूर्व राज्यपाल प्रो जगदीश मुखी अध्यक्षता करेगें। उन्होंने कहा जिसने देश की निष्काम, अह्रनिश सेवा के लिए एक ऐसे व्यक्तित्व नरेंद्र मोदी को आकार देकर सँवार दिया, जो भारत का ही नहीं, पूरी दुनिया का सिरमौर बन गया ।
प्रो जसीम मोहम्मद ने बताया की, इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भावनात्मक ब्लॉग जो पिछले वर्ष मां हीराबेन मोदी के लिए लिखा जिसे संस्था द्वारा कई भाषा में संकलित और संपादित कर “मां” के नाम पुस्तक एवं मां हीराबेन मोदी के १०० जयंती समारोह के उपलक्ष में स्मारिका ‘माँ’ का विमोचन राज्यपाल द्वारा किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी मां के 100वें वर्ष में प्रवेश करने पर उनके भावनात्मक ब्लॉग लिखा वो संपूर्ण मातृशक्ति का सम्मान एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माँ के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि थी।

प्रो जसीम मोहम्मद बताया की संगोष्ठी में हीराबेन मोदी के जीवन पर जिसमे वो लचीलेपन की प्रतीक थी, उन्हे स्वच्छता में लगे लोगों के प्रति गहरा सम्मान, उन्हे दूसरों की खुशी में खुशी तलाशना, मां ने जीवन का एक पाठ पढ़ाया एक कर्तव्यपरायण नागरिक, एक अत्यंत सरल जीवनशैली को अपनाना, वर्तमान घटनाक्रमों की जानकारी रखना, इतनी उम्र के बावजूद अच्छी स्मरण शक्ति, दूसरों की पसंद का सम्मान करना, गरीब कल्याण पर ध्यान, जीवन का मंत्र- कठोर परिश्रम, हीराबेन मातृशक्ति की प्रतीक जैसे प्रसंग पर संगोष्ठी को संबोधित किया जाएगा।


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