- प्रशासन ने कुपोषण से निपटने का उठाया बीड़ा
- जनपद में उपलब्ध 2071 मैम (कुपोषण की मध्यम चिकित्सीय अवस्था) बच्चे तथा 543 सैम (कुपोषण की गम्भीर चिकित्सीय अवस्था) बच्चों की स्क्रीनिंग की गई
अथाह सवांददाता
गाजियाबाद। जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशों के क्रम में कुपोषण से निपटने के लिए बीड़ा उठाया है। कुपोषण से ग्रस्त बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देशन में मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक ने सम्भव अभियान का प्रारम्भ सैम-मैम बच्चों को बिस्कुट वितरण के साथ किया। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के द्वारा आयोजित किये जा रहे सम्भव अभियान का प्रारम्भ करते हुए मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक के नेतृत्व में इंडियन फूड बैंकिंग नेटवर्क के सहयोग से जनपद के सैम एवं मैम बच्चों को कैडबरी चॉकोबेक्स चोका चिप कूकीज का वितरण कराया गया। मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि सम्भव अभियान के अन्तर्गत जनपद के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर बच्चों का वजन, लम्बाई एवं चिकित्सीय जांच कर सैम एवं मैम बच्चों की स्क्रीनिंग की गयी। जनपद में उपलब्ध 2071 मैम (कुपोषण की मध्यम चिकित्सीय अवस्था) बच्चे तथा 543 सैम (कुपोषण की गम्भीर चिकित्सीय अवस्था) बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। बच्चों को प्रेरित करने के लिए उपहार स्वरूप बिस्कुट का वितरण किया गया। मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि बच्चों को हष्टपुष्ट बनाने के लिए पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। गाजियाबाद जनपद में सैम-मैम बच्चों की संख्या कम करने की दिशा में संभव अभियान बेहद ही कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य बच्चा रहे यही प्रयास है। कुपोषण के शिकार बच्चों के माता-पिता को भी जागरुक करने का कार्य किया जा रहा है। सैम-मैम बच्चों के वजन और उन्हें दिए जा रहे पौष्टिक आहार के बारे में समय-समय पर चेक किया जाता है। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि स्क्रीनिंग में सामने आए सैम-मैम बच्चों को लेकर पूरी निगरानी की जा रही है। संभव अभियान के प्रारंभ होने से कुपोषित बच्चों को पुष्ट करने में काफी सहायता मिलेगी।