हत्या और डकैती के कई मामलों में था शामिल
अथाह संवाददाता
मेरठ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार जब से बनी है, उसके बाद से ही माफियाओं पर कार्रवाई चालू है। इसी क्रम में यूपी एसटीएफ ने खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना को ढेर कर दिया। यूपी एसटीएफ ने ये एनकाउंटर किया है। बता दें कि अनिल दुजाना ग्रेटर नोएडा के बादलपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला था। यूपी एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक अनिल दुजाना किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। इसकी जानकारी एसटीएफ को लगी थी। यूपी एसटीएफ को सूचना मिली थी कि अनिल दुजाना मेरठ में छिपा हुआ है, जिसके बाद टीम ने दबिश डाली। बताया जाता है कि यूपी पुलिस और अनिल दुजाना के बीच सीधी मुठभेड़ हुई, जिसमें एसटीएफ ने अनिल दुजाना को ढेर कर दिया। बता दें कि पिछले हफ्ते ही अनिल दुजाना जेल से छूटा था। इसके बाद उसके खिलाफ आरोप लग रहे थे कि वह अपने खिलाफ गवाही दे रहे गवाहों को धमकाना शुरू कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने अनिल दुजाना की तलाश तेज कर दी।
जेल से छूटते ही नोएडा में गवाहों को दी थी धमकी
दुजाना पर हत्या और जबरन वसूली समेत अन्य आपराधिक वारदातों के 62 केस दर्ज थे। हाल ही में वह तिहाड़ जेल से बाहर आया था। जेल से छूटते ही उसने गौतमबुद्ध नगर में हत्या के एक मामले में गवाहों को धमकी दी थी। इन आरोपों को लेकर उस पर 2 मुकदमे दर्ज किए गए थे।
गैंगवार से अपराध में एंट्री
अनिल दुजाना की अपराध में एंट्री गैंगवार से होती है। पश्चिमी यूपी में इस गैंगवॉर की शुरूआत सतबीर गुर्जर और महेंद्र फौजी के बीच टकराव से हुई थी। बाद में सतबीर गुर्जर के दो गुर्गे सुंदर भाटी और नरेश भाटी अपनी अलग अलग गैंग चलाने लगे तो दोनों में अदावत शुरू हो गई। नरेश भाटी ने राजनीति में कदम रखा जो सुंदर भाटी को नागवार गुजरा।
सुंदर भांटी के खिलाफ छेड़ दी थी जंग
साल 2004 में सुंदर भाटी ने जिला पंचायत अध्यक्ष बन चुके नरेश भाटी की हत्या कर दी। नरेश भाटी की मौत के बाद दुजाना ने गिरोह की कमान अपने हाथ में ले ली थी। दुजाना को साथ लेकर नरेश के भाई रणदीप और भांजे अमित कसाना ने बदला लेने की योजना बनाई। नवंबर 2011 की बात है तब साहिबाबाद स्थित भोपुरा में सुंदर भाटी के साले की शादी थी।
शादी समारोह में खेली थी खून की होली
इसी शादी समारोह में दुजाना की गैंग ने कहर बरपाया था। दुजाना ने रणदीप और कसाना के साथ शादी समारोह में एक-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस शूट आउट में तीन लोग मारे गए लेकिन सुंदर भाटी बच निकला था।
गाजियाबाद में दर्ज हुआ था हत्या का पहला केस
दुजाना ने 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में हरबीर पहलवान की हत्या कर दी थी। गाजियाबाद में दुजाना पर यह हत्या का पहला केस दर्ज किया गया था। इसके बाद दुजाना अपराध के दलदल की गहराई में उतरता चला गया। धीरे-धीरे उसका खौफ गौतमबुध नगर और दिल्ली समेत एनसीआर के अन्य शहरों तक कायम होता चला गया।
वारदातों के साथ बढ़ती गई दहशत
बाद में उस पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट लग गया। जैसे जैसे दुजाना के खिलाफ मामलों की संख्या बढ़ी उसकी दहशत भी बढ़ती गई। आलम यह कि कई शहरों की पुलिस ने उसके सर पर इनाम घोषित किए। नोएडा पुलिस ने उस पर 50 हजार तो बुलंदशहर पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम रखा था।
दिल्ली-एनसीआर तक था खौफ
दुजाना के खिलाफ हत्या के 11 मामले दर्ज थे। उसके खिलाफ दंगा, डकैती और जबरन वसूली के भी कई मामले चल रहे थे। दुजाना 2002 में नोएडा के सेक्टर-8 में एक व्यक्ति की हत्या करने के बाद नोएडा पुलिस के सामने आया था। दुजाना के खिलाफ गाजियाबाद, नोएडा, मुजफ्फरनगर समेत यूपी के कई जिलों में हत्या, लूट, डकैती और जबरन वसूली के मामले दर्ज हैं। दिल्ली में भी उस पर कई वारदातों को अंजाम देने का आरोप था।
दुजाना के गांव के बदमाश सुंदर ने इंदिरा जी को दी थी धमकी
अनिल दुजाना का जन्म यूपी के दुजाना गांव में हुआ था। उसका नाम अनिल नागर था लेकिन जैसे ही वह अपराध की दुनिया में कुख्यात हुआ उसे लोग अनिल दुजाना के नाम से जानने लगे। दरअसल, एक वक्त ऐसा था जब दुजाना गांव कुख्यात सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू के नाम से पूरे देश में चर्चित हो गया था। यह दौर सत्तर और अस्सी के दशक का था। इस समय बदमाश सुंदर का खौफ दिल्ली-एनसीआर तक कायम था। सुंदर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जान से मारने की धमकी दे डाली थी। इसके साथ ही उसका नाम पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था।
गैंगस्टर अनिल दुजाना बादलपुर के दुजाना गांव का रहने वाला था। दुजाना का असली नाम अनिल नागर था। अनिल दुजाना पर पहला मामला साल 2002 में गाजियाबाद में दर्ज हुआ था। उस पर हरबीर पहलवान नाम के व्यक्ति की हत्या का आरोप लगा था। उसपर हत्या, लूट, रंगदारी, जमीन कब्जा और आर्म्स एक्ट से जुड़े मामले दर्ज थे। गैंगस्टर और रासुका भी उस पर लग चुका है। उत्तर प्रदेश के 90 के दशक में पश्चिमी यूपी में सुंदर भाटी और नरेश भाटी की दुश्मनी जगजाहिर थी। 2004 में जिला पंचायत अध्यक्ष रहे नरेश भाटी की हत्या सुंदर भाटी गैंग ने कर दी थी। इसके बाद नरेश भाटी के भाई ने इस हत्या का बदला लेने के लिए अनिल दुजाना को अपने साथ किया।
साल 2011 के सुंदर भाटी के भांजे की शादी थी। शादी में नरेश के भाई अनिल दुजाना के साथ मिलकर सबके सामने सुंदर भाटी को मारना चाहते थे। दुजाना और नरेश भाटी के भाई ने शादी में ही है कि सुंदर भाटी पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई। लेकिन भाटी बच निकला और इस घटना में 3 लोग मारे गए।