- वाराणसी में शुरू हुई जी-20 की 100वीं बैठक
- काशी में 17 से 19 अप्रैल तक आयोजित है जी-20 बैठक
- केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री ने जी-20 बैठक का किया उद्घाटन
- जी-20 की बैठक के लिए योगी सरकार ने की है पुख्ता व्यवस्था, डेलिगेशन की सुरक्षा के विशेष प्रबंध
अथाह संवाददाता
वाराणसी। जी-20 समिट की सौंवी व काशी में पहली बैठक की शुरूआत नदेसर स्थित होटल ताज में सोमवार को हुई। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने इसका शुभारंभ किया। वाराणसी में छह बैठकें प्रस्तावित हैं। बैठक में दुनिया के 20 सशक्त देशों के प्रतिनिधि पोषण युक्त खाद्य पदार्थ, खाद्य सुरक्षा और जलवायु के अनुकूल खेती पर चर्चा करेंगे। साथ ही स्वस्थ विश्व का संदेश भी देंगे। वहीं वाराणसी में जी-20 की बैठक को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने व्यापक रूप से तैयारियों को अंजाम दिया है। पूरे शहर और गंगा घाटों को खूबसूरत ढंग से सजाया गया है। इसके अलावा विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधि मंडल की सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं।
उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों से जी-20 सम्मेलन इस वर्ष भारत में हो रहा है। सम्मेलन से पहले होने वाली बैठकों में एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक आज वाराणसी में शुरू हुई है। प्रधानमंत्री के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को मिलेटस ईयर घोषित किया है। मोटे अनाजों (मिलेट्स) पर इस तीन दिवसीय बैठक में जोर दिया जाएगा। कहा कि मोटे अनाज को मुख्यधारा का हिस्सा बनाने के लिए मिलेट्स जी-20 की बैठकों का अभिन्न अंग बना है। प्रतिनिधिमंडलों को न केवल मिलेट्स के स्वाद से परिचित कराया जा रहा है, बल्कि किसानों से उनकी भेंट भी कराई जा रही और वे स्टार्टअप्स के साथ संवाद भी करेंगे।
मिलेट्स का वैश्विक बाजार 470 मिलियन डॉलर का था। अनुमान है कि 2026 तक इसकी सकल सालाना विकास दर में 4.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। आशा की जानी चाहिए कि अब भारत के साथ ही दुनिया में भी मोटे अनाज की खपत बढ़ेगी। इससे न केवल भारत बल्कि दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी नए रोजगारों का सृजन होगा, किसानों की आय बढ़ेगी और खाद्य-पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
18 अप्रैल मंगलवार को, प्रतिनिधि डिजिटल कृषि और सतत कृषि मूल्य श्रृंखला, कृषि अनुसंधान एवं विकास में सार्वजनिक निजी भागीदारी पर विचार-विमर्श करेंगे और एमएसीएस विज्ञप्ति द्वारा जी20 देशों के कम्यूनिक में इस पर चर्चा करेंगे।
जी-20 सदस्य देशों यानी आॅस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, कोरिया गणराज्य, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, यूएसए के लगभग 80 प्रतिनिधि और यूरोपीय संघ के अलावा आमंत्रित अतिथि देशों में बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन यूएई, वियतनाम तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठन जैसे संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व व्यापार संगठन, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, एफएसबी, ओईसीडी, अध्यक्ष क्षेत्रीय संगठनों के एयू, आॅडा-एनईपीएडी, आसियान और भारत द्वारा विशेष आमंत्रित सदस्य यानी अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, सीडीआर और एशियाई विकास बैंक इस तीन दिवसीय बैठक में भाग लेंगे।