Dainik Athah

20 अप्रैल से 20 मई तक एक माह का अभियान चलाकर गोआश्रय स्थलों हेतु भूसा संग्रहण किया जाए

  • भूसा संग्रहण हेतु दानदाताओं का भी सहयोग लिया जाए
  • गर्मी के दृष्टिगत गोशालाओं में स्वच्छ पेयजल एवं शेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
  • सात दिनों का विशेष अभियान चलाकर गो संरक्षण केन्द्रों के गोवंश के शत-प्रतिशत ईयर टैंिगंग का कार्य पूर्ण किया जाए
  • मिशन कृत्रिम गभार्धान के कार्यों की प्रगति ईनाफ पोर्टल पर अंकित की जाए: धर्मपाल सिंह

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग मंत्री धर्मपाल सिंह ने आगामी 20 अप्रैल से 20 मई तक एक माह का विशेष अभियान चलाकर प्रदेश के सभी गो आश्रय स्थलों हेतु भूसे की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि ब्लाक स्तर, पंचायत स्तर पर विकेन्द्रीकृत रूप से भूसा क्रय किये जाये और भूसा हेतु दान दाताओं एवं समाज सेवियों का भी सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा है कि गर्मी के दृष्टिगत गोशालाओं का रख-रखाव व्यवस्थित तरीके से किया जाए और गोवंश को धूप व लू से बचाने हेतु शेड की व्यवस्था, स्वच्छ पानी, बिजली, हरा चारा और पर्याप्त औषधियों की व्यवस्था सुदृढ़ की जाए।

पशुधन मंत्री ने सोमवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में गोशालाओं की व्यवस्थाओं एवं विभागीय योजनाओं के संबंध में समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि गौ-आश्रय स्थलों में निराश्रित गोवंश हेतु भूसे-चारे की कोई कमी न होने पाये और गोचर भूमियों पर हरा चारा भी उगाया जाय। उन्होंने कहा कि गो संरक्षण केन्द्रों में भी आगामी सात दिनों का विशेष अभियान चलाकर शत-प्रतिशत ईयर टैंिगंग का कार्य पूर्ण किया जाए और नियमितता एवं पारदर्शिता के दृष्टिगत मिशन कृत्रिम गभार्धान के कार्यों की प्रगति ईनाफ पोर्टल पर पूर्ण रूप से अंकित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश को अण्डा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रख्यापित कुक्कुट विकास नीति का क्रियान्वयन तेजी से किया जाए ताकि अधिक से अधिक किसानों एवं कुक्कुट पालकों को इसका लाभ मिल सके।

धर्मपाल सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि गौपालन, कुक्कुट पालन, बकरी पालन, भेड़ पालन तथा सूकर पालन हेतु संचालित योजनाओं के माध्यम से किसानों एवं पशुपालकों की आय को बढ़ाने पर तेजी से कार्य किया जाए, जिससे वह पूर्णत: आत्मनिर्भर एवं स्वावलम्बी बन सके। साथ ही पशुपालकों एवं किसानों के पशुधन बीमा आच्छादन को बढ़ाते हुए इसे और अधिक प्रभावी बनाया जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने मोबाइल वेटेरिनरी यूनिट योजना का नियमित रूप से परीक्षण करते हुए इन सेवाओं को संचालित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गोसंरक्षण कार्यों में उदासीनता या लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।

बैठक में प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, पशुधन एवं दुग्ध विकास डा. रजनीश दुबे ने भूसा संग्रहण एवं गोशालाओं में आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में अवगत कराया और आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त निदेर्शों का पूर्णत: अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि भूसा संग्रहण हेतु प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाए ताकि गोशालाओं में वर्ष पर्यन्त चारे-भूसे की कमी न होने पाये और गोवंश की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित किया जाए।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का समुचित लाभ किसानों एवं पशुपालकों को मिले, इसके लिए विभागीय अधिकारी नियमित रूप से स्थलीय निरीक्षण करें और योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। साथ ही गोशालाओं में आवश्यक व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए।

बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास डा. इन्द्रमणि, निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा. तरूण कुमार तिवारी, यूपीएलडीडी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. नीरज गुप्ता तथा शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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