Dainik Athah

महापौर- चेयरमैन पद दावेदारों से अलग- अलग मिलेंगे प्रभारी मंत्री, लेंगे टेस्ट

  • स्क्रीनिंग कमेटी के साथ जिले के प्रभारी मंत्री अरुण असीम ने की बैठक
  • बाद में पार्षद एवं सभासद पद के दावेदारों से भी मिलेंगे मंत्री
  • भाजपा की प्राथमिकता जीतने वाला प्रत्याशी होगी, कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार एवं जिले के प्रभारी मंत्री असीम अरुण टिकट के दावेदारों से अलग अलग मिलेंगे। लेकिन उन्होंने वरिष्ठों के साथ पहली ही बैठक में अपनी विनम्रता की छाप छोड़ने में कोई कसर बाकि नहीं रखी।

पहले गाजियाबाद जिले में और इसके बाद गाजियाबाद महानगर में उन्होंने वरिष्ठों के साथ बैठक में जिस विनम्रता का परिचय दिया उसके कायल सभी वरिष्ठ कार्यकर्ता हुए। उन्हें लगा कि उन्हें मंत्री पर्याप्त सम्मान दे रहे हैं। इसका असर भी आगामी निकाय चुनाव में दिखाई दे सकता है। इतना ही नहीं मंत्री ने बाद में गाजियाबाद महानगर की स्क्रीनिंग कमेटी के साथ अलग से विधायक अजीत पाल त्यागी के कार्यालय पर बैठक की और साथ ही सभी से परिचय किया। उन्होंने हर पदाधिकारी से स्रेह मिलन भी किया। हालांकि उनके फोन न उठने पर जिस भी वरिष्ठ कार्यकर्ता ने उनसे शिकायत की तो उन्होंने क्षमा मांगने में भी देरी नहीं की।

भाजपा सूत्रों के अनुसार प्रभारी मंत्री अरुण असीम 13 या 16 अप्रैल को गाजियाबाद जिला और महानगर में महापौर पद के दावेदारों के साथ ही नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के चेयरमैन पद के दावेदारों से मुलाकात करेंगे। सूत्र बताते हैं यह मुलाकात एक प्रकार से दावेदारों का टेस्ट होगा। उनसे संगठन के साथ ही आगामी योजनाओं पर चर्चा की जायेगी। चूंकि असीम अरुण गाजियाबाद जिले के साथ ही हाथरस के भी प्रभारी हैं इस कारण दोनों स्थानों पर उन्हें बैठकें
करनी है।

भाजपा सूत्रों की मानें तो असीम अरुण ने स्पष्ट कर दिया है कि जातीय समीकरणों से छेड़छाड़ नहीं की जायेगी। जहां पर जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित है प्रयास होगा कि उसी वर्ग के जीताऊ प्रत्याशी मैदान में उतारे जायें। यदि कहीं जीताऊ प्रत्याशी नहीं मिलता है तो फिर सामान्य पर पिछड़ा या अन्य वर्ग के मजबूत प्रत्याशी के नाम पर विचार होगा।

भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी ने जिलों के प्रभारी मंत्रियों को ही जिलों की जिम्मेदारी सौंपी है। इसका महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि चुनाव में पुलिस- प्रशासन से तालमेल बैठाने में पार्टी एवं प्रत्याशियों को कोई परेशानी नहीं होगी। प्रभारी मंत्री होने के कारण चुनाव के बाद भी यह जिम्मा इन मंत्रियों के पास ही रहेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिलों के प्रभारी मंत्रियों की भी यह परीक्षा है कि उनके प्रभार वाले जिले में भाजपा क्लीन स्वीप करें।

प्रदेश मंत्री के इंतजार में गुजरा लंबा समय
भाजपा सूत्रों के अनुसार विधायक अजीत पाल त्यागी के कार्यालय पर स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों के साथ हुई परिचय बैठक में महानगर के प्रभारी एवं प्रदेश मंत्री अमित वाल्मीकि काफी देरी से पहुंचे। इस कारण उनके इंतजार में बैठक लंबी हो गई। उनके आने के बाद ही बैठक समाप्त की गई।


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