- समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा
- कोई छूटे ना और कोई रूठे ना इस सिद्धांत पर काम करना है
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार एवं जिले के प्रभारी मंत्री असीम अरुण वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ पहली ही बैठक में उनके दिल में उतर गये। उन्होंने कहा आपके सहयोग एवं मार्ग दर्शन में निकाय चुनाव की सफलता के साथ 2024 विजय की राह आसान करनी है।
मंगलवार को गाजियाबाद में पहुंचे प्रभारी मंत्री असीम अरुण ने महात्मा ज्योतिबा फूले की जयंती महोत्सव कार्यक्रम को सम्पन्न कर नेहरु नगर स्थित भाजपा के महानगर कार्यालय पर शहर के वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं एवं नेताओं के साथ गहन परिचय चर्चा बैठक में शामिल हुए। भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा की अगुवाई में चली परिचय बैठक में महानगर के निकाय चुनाव संयोजक संजय कश्यप ने सभी वरिष्ठ भाजपा नेताओं का परिचय कराया।
बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री असीम अरुण ने बड़े विनम्र लहजे से कहा पार्टी में अनुभव के धरातल पर आप में से मुझसे बहुत ही सीनियर नेता और भाजपा कार्यकर्ता है। आप सभी से सहयोग और मार्गदर्शन लेते हुए हमें निकाय चुनाव की अपार सफलता के साथ 2024 विजय की राह को आसान करना है। कोई छूटे ना और कोई रूठे ना इस सिद्धांत पर सभी को जोड़ते हुए कार्यकर्ता के सम्मान के साथ भाजपा की जीत का परचम लहराना है।
बैठक के दौरान अध्यक्ष संजीव शर्मा, निकाय संयोजक संजय कश्यप, विधायक अतुल गर्ग, सुनील शर्मा, अजीत पाल त्यागी, बलदेव राज शर्मा, अशोक गोयल, मानसिंह गोस्वामी, पूर्व महापौर आशु वर्मा, मयंक गोयल, पृथ्वी सिंह, रुचि गर्ग, उदिता त्यागी, पूनम कौशिक, महामंत्री पप्पू पहलवान, गोपाल अग्रवाल, सुशील गौतम, सचिन डेढ़ा , पंकज भरद्वाज, मनोज यादव, अमित कल्याणी आदि उपस्थित रहे।
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विधायक अजीत पाल त्यागी के कार्यालय पर गोपनीय रूप से विधायकों संग बैठे असीम अरुण
भाजपा महानगर कार्यालय पर बैठक के बाद असीम अरुण सीधे आरडीसी स्थित विधायक अजीत पाल त्यागी के कार्यालय पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, अजीत पाल त्यागी, अतुल गर्ग, सुनील शर्मा, एमएलसी दिनेश गोयल, प्रदेश मंत्री अमित वाल्मीकि, महानगर महामंत्री पप्पू पहलवान, गोपाल अग्रवाल, सुशील गौतम, राजेश त्यागी के साथ बैठक की। यहां पर वे काफी समय रहे। इस दौरान अजीत पाल त्यागी के कार्यालय में किसी का भी प्रवेश वर्जित था। बाहर खड़े सुरक्षाकर्मियों के हाथों में सूची थी। सूची में जो नाम शामिल थे उन्हें ही अंदर जाने दिया जा रहा था।