डीएम राकेश कुमार सिंह- सीडीओ विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बदल दी डासना देहात की तस्वीर
अथाह संवाददाता गाजियाबाद। गाजियाबाद के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह एवं मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक के मार्ग दर्शन में जिले की ग्राम पंचायत डासना देहात की तस्वीर ही नहीं बदली, बल्कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन 300 रूर्बन क्लस्टर में 99.66 अंकों के साथ गाजियाबाद का ‘डासना देहात’ देश में पहले स्थान पर रहा। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन, भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 2016 में आयोजित एक अतुलनीय क्रान्ति, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक और भौतिक बुनियादी सुविधाओं का प्रावधान कर समग्र क्षेत्र को विकसित करना है और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व व मार्ग-दर्शन में प्रदेश के कई क्षेत्रों में इस रूर्बन क्लस्टर मिशन को विराट रूप दिया गया है जिसकी पहचान ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व, रोजगार के क्षेत्र व कृषि रोजगार, पुरुष-महिला अनुपात, साक्षरता दर, क्रियाशील जनसंख्या व आर्थिक गतिविधियों के आधार पर की जाती है। ग्रामीण जनजीवन के मूल स्वरूप को बनाये रखते हुए 25 हजार से 50 हजार की आबादी वाले गांवों को रुर्बन क्लस्टरों के अनुरूप शहरी मानकों के आधार पर विकसित किया जाता है। भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के विकास की गति में जनपद गाजियाबाद में स्थित डासना देहात गांव का चयन किया गया है, जो नेशनल हाईवे दिल्ली- लखनऊ व दिल्ली- मेरठ के मध्य स्थित है। ट्रांजिशनल विकास को बढ़ावा देता हुआ यह क्षेत्र ईस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस-वे व रेल मार्ग से भी जुड़ता है जो औद्योगीकरण के बढ़ावे को सुनिश्चित करता है। डासना देहात ग्राम पंचायत में आठ मजरे इंद्रगढ़ी, राजीवपुरम, मयूर विहार, गुर्जरगढ़ी, भूड़गढ़ी, उस्मानगढ़ी, कल्लूगढ़ी और कुड़ियागढ़ी शामिल हैं जिन्हें श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत विकसित किया गया है। डासना देहात क्लस्टर के विकास की निर्धारित डिटेल प्रोजक्ट रिपोर्ट 98.35 करोड़ की बनाई गई है जिसमें सीजीएफ (क्रिटकल गैप फंड) मद में 29.54 करोड़ भारत सरकार व शेष 68.81 करोड़ धनराशि केंद्र व राज्य परियोजनाओं के माध्यम से कन्वर्जेन्स मद में व्यय करने का प्रावधान है। 2017 से 2023 तक सीजीएफ के अंतर्गत 29.40 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई जिसमें से 29.29 करोड़ समग्र क्षेत्र के विकास के कई कार्यों में निवेश किए गए हैं जिनमें प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कंप्यूटर लैब, डिजीटल क्लास रूम, सोलर प्लांट की स्थापना साथ ही सोलर स्ट्रीट लाइट, सामुदायिक केंद्र, तालाब डिसिल्टिंग से हैल्थ सेंटर, आरसीसी नाला, मल्टीपरपज हाल व स्पोर्ट्स फैसिलिटी शामिल हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन परियोजना के इन रचनात्मक कार्यों ने डासना देहात क्लस्टर क्षेत्र में प्रगति बखूबी भूमिका निभाई है जिसमें शिक्षा में सुधार, स्कूलों में बच्चंो के लिए स्वच्छ जल की उपलब्धता, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग का निर्माण, सब हैल्ट सेंटर में सुधार, रोजगार उपलब्ध कराने में सहायता, शादी- विवाह के लिए सामूहिक केंद्रों का निर्माण, मुख्यमंत्री सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन, जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल से जल की उपलब्धता व ग्रामीण क्षेत्र में विकास के प्रसार के फलस्वरुप बुनियादी ढांचे में सुधार, आधुनिक सुविधाएं और औद्योगीकरण को बढ़ावा देकर शहरी प्रवास को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। भारत के अमृत काल में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन गांव व आस-पास के क्षेत्रों में सकरात्मक बदलाव ला रहा है और अपनी प्रतिबद्धता स्थापित करते हुए दृढ़ निश्चय के साथ कार्यरत है।
इसी क्रम में श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चयनित 300 रूर्बन क्लस्टर में 99.66 प्राप्तांक के साथ जनपद गाजियाबाद देश में प्रथम स्थान पर रहा। क्लस्टर में 16 कम्पोनेन्ट में विभिन्न परिसम्पत्तियों का निर्माण करते हुए डासना देहात में शहरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिनमें मुख्य रूप से 24 घंटे सातों दिन पाइप्ड वाटर सप्लाई कम्पोनेन्ट अन्तर्गत धर्मवीर कालोनी में 500 केएल, उस्मानगढ़ी में 225 केएल, गुज्जरगढ़ी में 50 केएल एवं कल्लूगढ़ी में 950 केएल यानी कुल 1725 किलोलीटर ओवर हेड टैंक का निर्माण कराकर 626 परिवारों को पानी के कनेक्शन दिये गये जिसकी लागत सात करोड़ आठ लाख रही। सिटीजन सर्विस सेन्टर कम्पोनेन्ट अन्तर्गत सामुदायिक केन्द्र उस्मानगढ़ी का निर्माण कराया गया है जिसमें लगभग दस गांव के सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न होते हैं, लागत 126 करोड़ रही। सिटीजन सर्विस सेन्टर कम्पोनेन्ट अन्तर्गत मल्टीपरपज हॉल विथ स्पोर्टस फैसिलिटीज एण्ड कॉमन सर्विस सेन्टर का निर्माण 05.29 करोड़ की लागत से कराया गया है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कम्पानेन्ट अन्तर्गत- 431 किमी आरसीसी कर्ड नाले का निर्माण कराया गया है जिसकी लागत 695 करोड़ है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कम्पोनेन्ट अन्तर्गत नौ तालाबों की डिसिल्टिंग 53.04 लाख की लागत से कराई गई है। एक्सेस टू विलेज स्ट्रीट बिंद ड्रेन्स कम्पोनेन्ट अन्तर्गत 06.12 किमी सीसी रोड़/इन्टरलाकिंग का निर्माण 4.46 करोड़ की लागत से कराया गया है। डिजिटल एमेनिटीज कम्पोनेन्ट अन्तर्गत चार उच्च प्राथमिक विधालयो में कम्प्यूटर लैब तथा प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम एवं सभी 12 विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल हेतु सोलर आरओ वाटर प्लांट की स्थापना 01.59 करोड़ की लागत से की गई है। स्वास्थ्य कम्पोनेन्ट अन्तर्गत दो सब हेल्थ सेन्टर का जीणोद्वार 12.79 लाख की लागत से कराया गया है। स्ट्रीट लाइट कम्पोनेन्ट अन्तर्गत 435 सोलर स्ट्रीट लाइट 98.85 लाख की लागत से स्थापित कराई गई है।