- वर्ष 2015-16 के सापेक्ष 2022-23 में 13 गुना से ज्यादा बढ़ी जैविक खेती
- साल 2015-16 में प्रदेश के 28,750 कृषक 11,500 हेक्टेयर में करते थे खेती
- आज प्रदेश के 2,89,687 कृषक 1,52,080 हेक्टेयर में कर रहे हैं जैविक खेती
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। योगी सरकार किसानों की आय की बढ़ाने के साथ-साथ मानव सेहत का भी ध्यान रख रही है। इसके लिए प्रदेश में जैविक कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि देश में उत्तर प्रदेश जैविक खेती का हब बन रहा है। आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2015-16 के सापेक्ष 2022-2023 में प्रदेश में जैविक खेती 13 गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई हैं। यही नहीं 15 जनपदों में क्रियान्वित जैविक खेती कार्यक्रम अब 63 जिलों में संचालित हो रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति बेहद संजीदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जैविक खेती पर खासा जोर है। सरकार जैविक खेती को लेकर व्यापक प्रचार प्रसार कर रही है। किसानों को तकनीकि की जानकारी देने के साथ ही क्लस्टर्स बनाकर उन्हें जैविक खेती से जोड़ भी रही है। यही नहीं जैविक खेती करने को इच्छुक किसानों को सरकार प्रशिक्षण देने के साथ ही उन्हें गुणवत्तापूर्ण कृषि निवेश भी उपलब्ध करा रही है।
जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए योगी सरकार का ज्यादा फोकस गंगा के किनारे के गांवों पर है। गंगा तटों पर स्थित 27 जनपदों में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके साथ बुंदेलखंड के सभी सात जिलों में सरकार हो आधारित जैविक खेती को प्रोत्साहित कर रही है। इससे एक तरफ जहां निराश्रित गोवंश की समस्या का समाधान हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ किसानों की खेती में आने वाली लागत कम हो रही है। साथ ही रसायनिक खादों के इस्तेमाल से होने वाली बीमारियों से भी किसानों का बचाव हो रहा है।
योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि उत्तर प्रदेश में “परंपरागत कृषि विकास योजना” के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। पूर्ववर्ती सरकार से अगर तुलना की जाए तो पिछले छह वर्ष में प्रदेश में जैविक खेती का दायरा काफी बढ़ा है। बढ़े हुए क्लस्टरों की संख्या बताती है अब बड़ी के संख्या में कृषक जैविक खेती की तरफ रुख कर रहे हैं। सरकार भी जैविक उत्पादों की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए कृषकों को बाजार उपलब्ध करा रही है और बाजार तक उनके उत्पादों की पहुंच को सुलभ बना रही है।
वर्ष जैविक कृषक संख्या क्षे. हे. क्लस्टर
- 2015-16 28750 11500 575
- 2016-17 35750 14300 715
- 2017-18 39750 15900 795
- 2018-19 39750 15900 795
- 2019-20 62116 31300 1565
- 2020-21 132627 70680 3534
- 2021-22 180627 94680 4734
- 2022-23 289687 152080 7604