- लखनऊ-हरदोई के बीच अटारी गांव में 1162 एकड़ में बनेगा मेगा टेक्सटाइल पार्क
- टेक्सटाइल पार्क को संत कबीर पीएम मित्र टेक्सटाइल एंड अपैरल पार्क लि. के नाम से जाना जाएगा
- यूपी में सुदृढ़ हुई सड़क, वायु और जलमार्ग कनेक्टिविटी का टेक्सटाइल पार्क को मिलेगा लाभ
- प्रदेश के 15 जनपदों में फैले वस्त्र उद्योग को एक विशाल परिसर में मिलेगा बड़ा बाजार
- पानी, बिजली और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सरकार ने पहले ही तय कर लिया है पूरा खाका
- टेक्सटाइल पार्क के 40 किलोमीटर के दायरे में नहीं है पारिस्थितिक रूप से कोई संवेदनशील क्षेत्र
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश को मेगा टेक्सटाइल पार्क की सौगात मिलने के बाद अब यूपी को देश के वस्त्रोद्योग का सबसे बड़ा हब बनाने को लेकर योगी सरकार ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। अंतिम रूप इसलिए क्योंकि प्रदेश सरकार ने इस मेगा टेक्सटाइल हब के लिए ज्यादातर जरूरी तैयारियों को पहले ही तय करते हुए कार्ययोजना बनाना शुरू कर दिया था। अब जबकि मोदी सरकार से इसे लेकर मंजूरी मिल गई है तब यूपी के पहले मेगा टेक्सटाइल पार्क को जल्द से जल्द तैयार कराने की कवायद तेज हो गयी है। लखनऊ और हरदोई के बीच 1162 एकड़ (लखनऊ में 903.07 एकड़, हरदोई में 259.09 एकड़) में बनने जा रहे मेगा टेक्सटाइल पार्क को संत कबीर पीएम मित्र टेक्सटाइल एंड अपैरल पार्क लिमिटेड के नाम से जाना जाएगा।
15 जिलों में फैले वस्त्र उद्योग का पावर स्टेशन बनेगा मेगा टेक्सटाइल पार्क
लखनऊ के मलीहाबाद तहसील के माल ब्लॉक के अटारी गांव में बनने वाले टेक्सटाइल पार्क का विशाल परिसर प्रदेश के 15 जिलों में चलने वाले वस्त्र उद्योग की सभी गतिविधियों का मुख्य केंद्र बनेगा। यहां लखनऊ की चिकनकारी और जरी-जरदोजी, हरदोई और बाराबंकी का हैंडलूम, सीतापुर की दरी, उन्नाव की जरी जरदोजी, कानपुर का होजरी और टेक्सटाइल, फरुर्खाबाद की ब्लॉक प्रिंटिंग और जरी जरदोजी, शाहजहांपुर का जरी जरदोजी, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़ गोरखपुर और रामपुर का हैंडलूम उद्योग, मऊ और वाराणसी का सिल्क, हैंडलूम और टेक्सटाइल क्लस्टर और गौतमबुद्ध नगर का अपैरल क्लस्टर एक ही परिसर में समाहित दिखेगा। साथ ही इन जिलों से भी ये टेक्सटाइल पार्क सीधे-सीधे जुड़ा रहेगा।
रोड, रेल, वाटर और एयर कनेक्टिविटी से फलेगी फूलेगी टेक्सटाइल इंडस्ट्री
मेगा टेक्सटाइल पार्क को सबसे बड़ा लाभ यूपी में सुदृढ़ हुई रोड, रेल, वायु और वाटर कनेक्टिविटी से मिलने वाला है। उत्तराखंड के सितारगंज और आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के नजदीक स्थित मेगा टेक्सटाइल पार्क मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से सीधे सीधे जुड़ा होगा। इसके अलावा लखनऊ-हरदोई फोरलेन स्टेट हाइवे 25 के करीब होने से भी इसे अतिरिक्त फायदा मिलेगा। लखनऊ का चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट अमौसी यहां से महज 45 किमी की दूरी पर होने से एयर कार्गो की तक पहुंच आसान होगी। लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन 40 किमी और सीतापुर जंक्शन 70 किमी की दूरी पर स्थित है। साथ ही मलीहाबाद रेलवे स्टेशन 16 किमी की दूरी पर होने से माल ढुलाई को लेकर बेहतर रेल कनेक्टविटी मिलेगी। इनलैंड वाटर वे के जरिए प्रयागराज से कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के हल्दिया बंदरगाह तक भी आसान पहुंच वस्त्र उद्योग के कारोबारियों के लाभ को बढ़ाने में सहायक होगी।
पानी, बिजली और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भी मौजूद है जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर
अटारी में बनने वाले मेगा टेक्सटाइल पार्क में पानी और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर योगी सरकार ने पहले ही आंकलन करा लिया है। आंकलन के अनुसार टेक्सटाइल पार्क के क्षेत्र में भूजल 40 फीट नीचे उपलब्ध है, जिससे पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। इसके अलावा गोमती नदी का एरियल डिस्टेंस भी 10 किमी दूर है। पार्क के बिल्कुल बगल से नहर भी गुजर रही है। वहीं म्यूनिसपल और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए किये गये आंकलन के अनुसार 40 किलोमीटर दूरी पर मोहन रोड के समीप शिवरी गांव में वेस्ट टू इनर्जी प्लांट मौजूद है। विद्युत आपूर्ति के लिए इस क्षेत्र में 33 और 11 केवीए लाइन की मौजूदगी पहले से ही उपलब्ध है। साथ ही झेठा में 400 केवीए का सबस्टेशन भी मेगा टेक्सटाइल पार्क के लिए काफी सहायक होगा। पार्क के 40 किलोमीटर के दायरे में पारिस्थितिकी रूप कोई भी संवेदनशील या संरक्षित क्षेत्र भी नहीं है।