दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में दूसरा टनल ब्रेकथ्रू
दो किलोमीटर लंबी इस टनल के निर्माण में लगभग आठ महीने का समय लगा
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद/ मेरठ। दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ की सबसे लंबी टनल का 15 दिसंबर को सफल ब्रेकथ्रू हुआ। इस टनल का निर्माण कर रही सुदर्शन 8.1 (टनल बोरिंग मशीन) ने भैंसाली से मेरठ सेंट्रल स्टेशन के बीच लगभग दो किमी लंबी टनल का सफलतापूर्वक निर्माण पूरा कर लिया और मेरठ सेंट्रल स्टेशन में बनाई गयी टनल रिट्रीविंग शाफ़्ट से ब्रेकथ्रू किया। एनसीआरटीसी ने मेरठ में पहले टनल ब्रेकथ्रू के लगभग डेढ़ महीने के अंतराल पर दूसरी टनल के ब्रेकथ्रू की यह दूसरी उपलब्धि हासिल की है।
इस ब्रेकथ्रू के साथ ही एनसीआरटीसी ने परियोजना का एक और माइलस्टोन हासिल कर लिया है। सुदर्शन 8.1 (टनल बोरिंग मशीन) को भैंसाली भूमिगत स्टेशन में निर्मित लॉन्चिंग शाफ्ट से लॉन्च किया गया था और इस ब्रेकथ्रू के बाद इसे मेरठ सेंट्रल स्टेशन में बनाई गई रिट्रीविंग शाफ्ट से बाहर निकाला जाएगा। दो किलोमीटर लंबी इस टनल के निर्माण में लगभग आठ महीने का समय लगा।
भैसाली स्टेशन से मेरठ सेंट्रल स्टेशन के बीच दो समानांतर टनल बनाए जाने थे जिसमें से इस पहले टनल का निर्माण कार्य पूरा हुआ है। दूसरे समानांतर टनल का निर्माण सुदर्शन 8.2 कर रही है, जिसने लगभग दो किलोमीटर में से अब तक लगभग आधे से ज्यादा का टनल निर्माण पूरा कर लिया है।
सुदर्शन 8.1 को मेरठ सेंट्रल स्टेशन की रिट्रीविंग शाफ्ट से बाहर निकालने के बाद डिसमेंटल किया जाएगा और इसके कटर हेड और शील्ड को ट्रेलरों पर लाद कर भैंसाली स्टेशन पर बनाई गई लॉन्चिंग शाफ्ट में पहुंचाया जाएगा। यहां इसे फिर से असेंबल करके भैंसाली से बेगमपुल के बीच लगभग एक किमी लंबी टनल के निर्माण के लिए पुन: लॉन्च किया जाएगा। इससे मेरठ में टनल निर्माण के तीसरे सेक्शन की शुरूआत होगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 22 अक्टूबर को सुदर्शन 8.3 ने 750 मीटर लंबी सुरंग का सफलतापूर्वक निर्माण करने के बाद बेगमपुल आरआरटीएस स्टेशन पर ब्रेकथ्रू किया था। वर्तमान में, सुदर्शन 8.3 को गांधी बाग से बेगमपुल तक पहली टनल के समानान्तर लगभग 750 मीटर टनल बनाने के लिए असेंबल किया जा रहा है और जल्द ही इसे लॉन्च करने की प्रक्रिया आरंभ होगी।
भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक लगभग दो किमी लंबी टनल के निर्माण के लिए 9000 से अधिक प्री-कास्ट सेगमेंट का उपयोग किया गया है। टनलिंग प्रक्रिया में, इन सेगमेंट को बोर की गई टनल में इंसर्ट किया जाता है और सात खंडों को जोड़कर एक रिंग का निर्माण किया जाता है। प्रत्येक सेगमेंट 1.5 मीटर लंबा और 275 मिमी मोटा होता है। इन सेगमेंट और रिंग को बोल्ट की मदद से जोड़ा जाता है। बड़े रोलिंग स्टॉक और 180 किमी प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के कारण, निर्मित की जा रही आरआरटीएस टनलों का व्यास 6.5 मीटर है। मेट्रो सिस्टम की तुलना में, देश में पहली बार इतनी बड़ी आकार की टनल का निर्माण किया जा रहा है।
इन टनल सेगमेंट की कास्टिंग एनसीआरटीसी के शताब्दी नगर स्थित कास्टिंग यार्ड में, सुनिश्चित गुणवत्ता नियंत्रण के साथ की जा रही है। प्री-कास्टिंग गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करते हुए कार्यों के सुरक्षित और तेजी से निष्पादन में मदद करती है। आॅन-साइट निर्माण की आवश्यकता के कम होने से जिस सेक्शन में निर्माण कार्य किया जा रहा है वहाँ के सड़क उपयोगकतार्ओं, स्थानीय राहगीरों, व्यापारियों और निवासियों को कम असुविधा होती है और वायु तथा ध्वनि प्रदूषण में भी महत्वपूर्ण रूप से कमी आती है।
आरआरटीएस परियोजना को निर्धारित समय सीमा के अनुसार कार्यान्वित किया जा रहा है। मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपुल मेरठ में भूमिगत स्टेशन हैं, जिनमें से मेरठ सेंट्रल और भैसाली मेरठ मेट्रो स्टेशन हैं जबकि बेगमपुल स्टेशन आरआरटीएस और मेट्रो, दोनों सेवाएँ प्रदान करेगा। एनसीआरटीसी मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर ही स्थानीय पारगमन सेवाएं, मेरठ मेट्रो प्रदान करने जा रहा है, जिसमें 21 किमी की दूरी में 13 स्टेशन होंगे।