निकाय चुनाव में भाजपा नहीं लेना चाहेगी कोई रिस्क
परिणाम भाजपा के पक्ष में न रहने पर तय होगी जिम्मेदारी
महापौर, चेयरमैन टिकटों के लिए हो रही पार्टी में मारामारी
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को भारतीय जनता पार्टी गंभीरता से ले रही है। इस चुनाव को लेकर पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। इतना ही नहीं इस बार टिकट की सिफारिश करने वालों की जिम्मेदारी भी तय होगी।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश का यह सबसे बड़ा चुनाव है। इसके मद्देनजर पार्टी भी अपने स्तर से सर्वे करवा रही है कि कहां किस दावेदार की स्थिति क्या है। इतना ही नहीं पार्टी के बड़े पदाधिकारी एवं जन प्रतिनिधि जिस प्रकार अपने समर्थकों के लिए लामबंदी करते हैं कि टिकट उसे ही मिलना चाहिये, लेकिन टिकट से पहले पार्टी नेतृत्व ठोक बजाकर पूरी स्थिति को देखना चाहेगा। इसमें जातीय समीकरणों के साथ ही प्रत्याशी की आम जनता में छवि, संगठन के लिए किया गया योगदान एवं पिछले चुनावों में पार्टी प्रत्याशी के लिए कितना परिश्रम किया गया इसे भी देखा जायेगा।
सूत्रों के अनुसार सिफारिश करने वाले नेताओं की इस बार जिम्मेदारी तय की जायेगी कि वह खुद जीत की गारंटी लें। यदि परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं आते हैं तो सिफारिश करने वाले नेता को इसके लिए माइनस में नंबर दिये जायेंगे। इसका कारण यह है कि सिफारिश भी मजबूत दावेदार की हो जो चुनाव जीत सकता हो। इसका एक बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर जीत की उम्मीद पाले बैठे दावेदारों का सोचना है कि मोदी- योगी एवं भाजपा के नाम से ही उनका बेड़ा पार हो जायेगा। इसके बाद छवि एवं पार्टी के काम को कौन देखता है।
रविवार को हुई भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक के बाद देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी एवं प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह की बैठक में भी इन मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री के साथ ही संगठन के दोनों आला पदाधिकारी नहीं चाहते कि 2024 के चुनाव से पहले पार्टी को प्रदेश में किसी प्रकार का नुकसान हो। यदि ऐसा होता है तो इसका असर आगामी लोकसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है। भाजपा की यहीं तिकड़ी आगामी महत्वपूर्ण निर्णय भी करेगी। इसके साथ ही जिला स्तर पर बनने वाली स्क्रीनिंग कमेटी के ऊपर भी पूरे प्रदेश की नजरें लगी है। कमेटी में कौन कौन शमिल होंगे यह स्थिति भी जल्द स्पष्ट हो जायेगी।