- लगभग 8 करोड़ रुपये से अंतिम चरण के कार्य पूरा होने पर भारत सिटी ग्रुप हाउसिंग सहित 1.5 लाख लोगों को मिलेगी सीवर समस्या से राहत
- उपाध्यक्ष के निर्देश पर संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया निरीक्षण
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की इंद्रप्रस्थ योजना में सीवर लाइन के निर्माण का कार्य तेजी से प्रगति पर है। 66 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली इस योजना मे सीवर की समस्या के स्थायी समाधान हेतु सीवर निस्तारण कार्य को तीन चरणों में क्रियान्वित किया जा रहा है , जिसका उद्देश्य पूरे योजना की जल निकासी और सीवर व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है। योजना के अंतर्गत पहले चरण का काम पूरा किया जा चुका है। मौजूदा समय में दूसरे चरण के अंतर्गत कार्य को किया जा रहा है , बीच में कांवड़ यात्रा के मद्देनजर कार्य को रोकना पड़ा था , अब दिल्ली जल बोर्ड से अनुमति प्राप्त करते हुए कार्य को कराया जा रहा है , जिसे जल्द पूरा किया जायेगा और दूसरे चरण का कार्य पूरा होने के बाद तीसरे चरण के कार्य की शुरूआत की जाएगी ।

पहला चरण: सीवेज पंपिंग स्टेशन का निर्माण
योजना के पहले चरण में डीपीएस स्कूल के समीप सीवेज पंपिंग स्टेशन (रढर) का निर्माण किया गया है। इस पर 4.5 करोड़ रुपये की लागत आई है और यह कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है।
दूसरा चरण: मावी चौक से मैनहोल संख्या 78 तक सीवर लाइन
इस चरण में मावी चौक से जल निगम द्वारा विकसित सीवर मैनहोल संख्या 78 तक लगभग 1800 मीटर लंबी सीवर लाइन डाली जा रही है। 3.5 करोड़ रुपये की लागत से हो रहे इस कार्य में अब तक 1000 मीटर (1 किलोमीटर) लाइन बिछाई जा चुकी है। शेष कार्य अब पूरा किया जा रहा है, हालांकि बीच में कावड़ यात्रा के चलते काम को रोकना पड़ा था , अब दिल्ली जल बोर्ड से अनुमति प्राप्त करने के साथ ही कार्य को आरम्भ करा दिया गया है और दूसरे चरण के कार्य को जल्द पूर्ण किये जाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं।

तीसरा और सबसे अहम चरण में सभी पॉकेट को रढर से जोड़ने का कार्य: 8 करोड़ रुपये से टेंडर की प्रक्रिया क्रियांवित है
योजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा तीसरा और अंतिम चरण है, जिसके लिए लगभग 8 करोड़ रुपये की लागत से टेंडर प्रक्रिया की जा रही है । इस चरण के अंतर्गत इंद्रप्रस्थ योजना की शेष सभी पॉकेट्स (बी, डी, ई, एच, एफ) के साथ-साथ भारत सिटी ग्रुप हाउसिंग को भी सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा। इससे लगभग 30,000 परिवारों और 1.5 लाख लोगों को सीवर की समस्या से स्थायी राहत मिलेगी। उपाध्यक्ष श्री अतुल वत्स के निर्देश तथा कार्य की समीक्षा पर मुख्य अभियंता द्वारा निरीक्षण के दौरान कार्य की धीमी गति पर अधिकारियों को फटकार लगाई गई थी, जिसके बाद कार्य में तेजी आई। एरिया के आवंटियों के द्वारा अक्सर सीवर जाम और सीवर के ओवर फ्लो की समस्या को उठाया जा रहा था।
तीनों चरणों के पूर्ण होने पर इंद्रप्रस्थ योजना और आसपास के निवासियों को सीवर की समस्या से स्थायी राहत मिलेगी और स्वच्छता व जल निकासी व्यवस्था में बड़ा सुधार होगा।
