15 दिनों में डॉ. कफील की रिहाई पर लें फैसला
SC ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट डॉ. कफील खान मामले पर सुनवाई करे और 15 के भीतर तय करे कि खान को रिहा किया जा सकता है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस अरविंद बोबडे (SA Bobde) की अगुआई वाली बेंच ने की।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को डॉ. कफील खान (Dr. Kafeel Khan) की रिहाई को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के लिए निर्देश जारी किए हैं। SC ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट डॉ. कफील खान मामले पर सुनवाई करे और 15 के भीतर तय करे कि खान को रिहा किया जा सकता है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस अरविंद बोबडे (SA Bobde) की अगुआई वाली बेंच ने की। गौरतलब है कि एंटी सीएए प्रोटेस्ट में भड़काऊ भाषण देने के लिए एनएसए कानून के तहत डॉ. कफील खान 29 जनवरी 2020 से मथुरा में हिरासत में हैं।
इंदिरा जयसिंह ने रखा कफील खान का पक्ष
डॉ. कफील खान की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह (Indira Jai Singh) ने पक्ष रखा. इंदिरा जय सिंह ने कहा कि कफील खान को हाईकोर्ट से पहले से जमानत मिली हुई है। फिर उन पर एनएसए थोप दिया गया।
मामले पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस अरविंद बोबडे ने कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता ऐसी चीज है जिसे हमने हमेशा पहली प्राथमिकता पर रखा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट को मामले की सुनवाई मेरिट के आधार पर करनी चाहिए।
भड़काऊ भाषण देने के मामले में हुई थी गिरफ्तारी, NSA के तहत कार्रवाई
गौरतलब है कि डॉ. कफील खान पर पिछले साल 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। इसके बाद सिविल लाइंस थाने में कफील खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस की ओर से दर्ज मुकदमे में कहा गया कि एएमयू में अपने भाषण में डॉ. कफील खान ने कथित तौर पर कहा था कि ‘मोटा भाई’ सबको हिंदू और मुसलमान बनने की सीख दे रहे हैं, इंसान बनने की नहीं। कफील ने यह भी कहा था कि सीएए के खिलाफ संघर्ष हमारे अस्तित्व की लड़ाई है।
गौरतलब है कि डॉ. कफील खान की मां नुजहत परवीन द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए बीते 6 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा केंद्र और यूपी की सरकार से कफील के मामले में जवाब मांगा गया है. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 19 अगस्त तय की है।