Dainik Athah

नगर निगम का दावा: त्योहारों की तैयारियों को सजग, लेकिन …

नगर आयुक्त ने दीपावली, छठ पर्व से पूर्व व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
महापौर आशा शर्मा तथा नगर आयुक्त डा. नितिन गौड़ द्वारा शहर में त्योहारों से पहले सभी प्रकार की आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए।


पूर्व निर्मित छठ घाटों की मरम्मत व रंगाई का कार्य

गाजियाबाद नगर निगम निर्माण विभाग की टीम द्वारा शहर में मनाए जाने वाले महापर्व छठ पूजा हेतु घाटों का निरीक्षण किया गया। नगर आयुक्त के निदेर्शानुसार तत्काल प्रभाव से पूर्व निर्मित छठ घाटों की मरम्मत, रंगाई- पुताई वह साफ सफाई का कार्य कराने की तैयारी जोरों पर चल रही हैं, जिसके लिए योजना बनाई जा रही है। मुख्य अभियंता निर्माण एनके चौधरी को प्रमुखता से शहर के गड्ढों को भरने के लिए आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही छठ पर्व की तैयारियों को भी बेहतर करने के लिए कहा गया है।

प्रकाश व्यवस्था की कार्यवाही में आई तेजी

महापौर तथा नगर आयुक्त के निर्देश पर मुख्य मार्गों के साथ-साथ वार्डों की आंतरिक गलियों में लाइट व्यवस्था सुचारू करने के निर्देश दिए गए हैं। पार्षदों के क्षेत्र में उनके द्वारा बताए गए स्थानों पर तत्काल प्रभाव से लाइट व्यवस्था करने के लिए नगर आयुक्त ने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया है जिस के क्रम में शहर के सभी वार्डों में लाइट की मरम्मत करने का कार्य जोरों से किया जा रहा है, साथ ही आवश्यकतानुसार लाइटों को रिप्लेस भी किया जा रहा है। प्रभारी प्रकाश योगेंद्र यादव के नेतृत्व में दीपावली से पूर्व गाजियाबाद नगर निगम सीमा अंतर्गत प्रमुखता से लाइट व्यवस्था का कार्य कराया जा रहा है।
त्योहारों से पूर्व सफाई की व्यवस्था को भी बेहतर करने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया गया है। कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त शिवपूजन यादव तथा अरुण कुमार यादव को लगातार शहर के निरीक्षण के लिए कहा गया है ताकि शहर में त्योहारों को मनाने के लिए निगम की सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलती रहे।
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निगम कर्मचारियों की मनमानी, न महापौर, न उच्चाधिकारियों के निर्देश पर करते सुनवाई

गाजियाबाद महापौर एवं नगर आयुक्त चाहे कितने ही निर्देश जारी करें, लेकिन नगर निगम के कर्मचारी एवं अधिकारी पूरी मनमानी करते हैं। स्थिति यह है कि यदि कहीं की लाइट खराब हो जाये तो बार बार कहने के बावजूद उसे ठीक नहीं किया जाता। फोन चाहे नगर आयुक्त के यहां से जायें अथवा महापौर के आवास से। ऐसे में आम आदमी की सुनवाई कहां होगी। इतना ही नहीं प्रकाश विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी फोन उठाने में भी अपनी तोहीन समझते हैं। ऐसे में स्ट्रीट लाइटें कैसे दुरुस्त होगी।

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