यमुना एक्सप्रेस वे पर हो चुके हैं कई हादसे
दिल्ली, नोएडा से कानपुर लखनऊ तक पुलिस की गर्म होती है जेब
अथाह सवांददाता
गाजियाबाद। आनंद विहार, कश्मीरी गेट, राजस्थान नोएडा, मथुरा, आगरा से कानपुर लखनऊ यहां तक कि गुजरात, मध्य प्रदेश आदि लंबे रूटों पर डबल डेकर टूर एंड ट्रेवल्स की बसें सड़कों की छाती रौंदती हुई फर्राटे से दौड़ रही हैं। शताब्दी, समय शताब्दी, कल्पना, भदावर आदि ट्रेवल के नाम से चलने वाली बसें रात में हवा से बातें करती हैं। किराया सरकारी रोडवेज बसों से कम होने के कारण यात्री इन्हीं बसों पर चलने को मुफीद मानती हैं। कई सालों से लखनऊ कानपुर बाया इटावा यमुना एक्सप्रेस नोएडा होते हुए दिल्ली आदि शहरों को चलने वाली बसें सवारियों के साथ सामान भी लादते हैं, जिसका अलग से किराया वसूला जाता है। तीज त्योहारों पर बसों में सवारियों को ठूंस ठूंस कर भरा जाता है। सीटों के अलावा गैलरी में बैठाते हैं।
सूत्र बताते हैं कि इन लग्जरी टूर ट्रेवल्स की बसों का सवारी ढोने का परमिट नहीं है। बावजूद इसके कम किराए में लंबे रूट पर बसों को दौड़ाया जा रहा है। नियमानुसार इन बसों को पर्यटन के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो बुक होकर जाती हैं लेकिन ट्रेवल्स का कारोबार मंदा होने के कारण बस मालिकों ने शताब्दी या वोल्वो का नाम देकर बसों को लंबे रूटों पर भेजा जा रहा है। सवारियों के साथ सामान से बस चालकों की मोटी कमाई हो रही है। बता दें कि पूर्व में गौतम बुद्ध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण ने ऐसी करीब 80 बसों का चालान किया था। यही नहीं कई दिनों तक इन रूटों पर प्राइवेट शताब्दी बसों का संचालन भी नहीं हुआ था। लेकिन उनके जाने के बाद एक बार फिर टूर ट्रेवल्स की बसों का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि बस चालकों से हाइवे पर तैनात पुलिस कर्मी सुविधा शुल्क वसूलते हैं।