पेंशन से जुड़ा दायित्व 2034 में आएगा, तब ये घोषणा करने वाली पार्टी नहीं होगी- जेएन तिवारी
सपा जानती है कि कर्मचारी 2034 में पीड़ित होंगे, जब कोई पेंशन नहीं होगी-जे एन तिवारी
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी पुरानी पेंशन स्कीम पर यूपी के कर्मचारियों को बेवकूफ बना रही है। ये ऐसी स्कीम लाने की बात कर रही है, जिससे कर्मचारियों की परेशानी और बढ़ जाएगी। देश तथा प्रदेश के टैक्स एवं निवेश एक्सपर्ट तथा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने एक बयान में ये बातें कहीं।
उन्होंने इस संबंध में हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा की गई घोषणा का आड़े हाथों लिया। उन्होंने राजस्थान सरकार का नाम लिए बगैर कहा कि रिपोटर्स के अनुसार उसका आदेश कहता है कि 2004 के बाद भर्ती होने वाले किसी भी कर्मचारी को पुरानी पेंशन योजना के साथ कवर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के छिपे हुए गलत इरादों को देख सकते हैं क्योंकि जिस कर्मचारी की भर्ती 2004 में हुई वो 2034 में सेवानिवृत्त हो जाएगा। ऐसे में पेंशन से जुड़ा ये दायित्व अभी नहीं साल 2034 में आएगा। जेएन तिवारी ने कहा कि इसी की तर्ज़ पर सपा लोगों को झांसा दे रही है। 2034 में सपा नहीं होगी। परेशान कर्मचारी होंगे जो 2034 में रिटायरमेंट के समय उनकी कोई पेंशन नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि एनपीएस नहीं होगा तो भविष्य की सरकार खर्च नहीं उठा पाएगी। सपा सभी कर्मचारियों को ठग रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार कर्मचारी संघों के साथ लगातार चर्चा कर रही है और कर्मचारियों को आश्वस्त करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी कि उनके हितों को सबसे ऊपर रखा जाए और एनपीएस में जो भी संशोधन संभव होगा, उसे लिया जाए। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली का मुद्दा सपा का सिर्फ चुनावी स्टंट है। एनपीएस पुरानी पेंशन की अपेक्षा कर्मचारियों के लिए अधिक लाभकारी है।
एनपीएस टैक्स के दृष्टिकोण से भी बेहतर- जेएन तिवारी
उन्होंने कहा कि एनपीएस टैक्स के दृष्टिकोण से भी बेहतर है। तमाम अध्ययनों के जरिए भी यह सच्चाई सामने आ चुकी है। फिर भी अपने सियासी लाभ के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव कर्मचारियों को भ्रमित करने के लिए कह रहे हैं कि उनकी सरकार आएगी तो पुरानी पेंशन की व्यवस्था लागू कर देगी। जेएन तिवारी कहते हैं कि पुरानी पेंशन की बहाली योजना का मुद्दा सपा का सिर्फ चुनावी स्टंट है। सपा प्रमुख की इस चाल को शिक्षक, कर्मचारी बखूबी समझ रहे हैं। यूपी का कर्मचारी समुदाय सपा के इस झूठे वादों से गुमराह नहीं होने वाला नहीं है। एनपीएस पुरानी पेंशन की अपेक्षा कर्मचारियों के लिए अधिक लाभकारी है। एनपीएस में ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण तथा सामूहिक बीमा की व्यवस्था पहले से है। सेवाकाल में कार्मिक के निधन पर परिवार के समक्ष पारिवारिक पेंशन के लिए एनपीएस अथवा पुरानी पेंशन चुनने का विकल्प पहले से दिया गया है। सेवानिवृत्ति के बाद प्राप्त होने वाली धनराशि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत काफी अधिक है और प्राप्त होने वाली धनराशि को अन्य बचत योजनाओं में निवेश कर और भी अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।