कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गाजियाबाद के पीठासीन अधिकारियों को देंगे प्रशिक्षण!
दैनिक अथाह विशेष
दीपक त्यागी
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया चल रही है, आये दिन तरह-तरह की खबर सुनने को मिलती हैं, लेकिन आप इस खबर को सुनकर चौंकिए नहीं, आपको यह खबर जानकर थोड़ा अजीब जरूर लग सकता है, परंतु यह एक कटु सच्चाई है। 10 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जिÞला निर्वाचन अधिकारी गाजिÞयाबाद के द्वारा मास्टर ट्रेनर की नियुक्ति की गयी है, जो जिले के सभी बूथ स्तर के पीठासीन पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देंगे। इस सूची में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अजय कुमार उपाध्याय का नाम भी ‘मास्टर ट्रेनर’ के लिए चयनित किया गया है, जो विभिन्न टीवी चैनलों पर डिबेट में कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखते हुए अक्सर देखे जाते हैं।
डॉ. उपाध्याय शम्भुदयाल डिग्री कॉलेज में एसोसियट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं, नियमानुसार सक्रिय राजनीति से जुड़े लोगों को चुनावी कार्यों में रखना ‘आदर्श चुनाव आचार संहिता’ का सरेआम उल्लंघन है। हालांकि गाजियाबाद के जिÞला प्रशासन ने जानबूझकर यह कार्य किया है या यह कार्य अनजाने में हुआ है, यह तो जांच के बाद ही पता चल पायेगा। यदि यह महज एक लापरवाही का मामला भी है तो भी यह चुनाव की निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के लिए बेहद गम्भीर मसला है। चुनावों में इस तरह की गंभीर प्रशासनिक लापरवाहियों से कभी भी पूरे जिले की चुनावी विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्न खड़ा हो सकता है। इस बात के लिए कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रशासन की लापरवाही पर घोर आपत्ति जताई है और विधानसभा चुनावों की निष्पक्षता और शुचिता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को तत्काल प्रभाव से कांग्रेस के प्रवक्ता अजय कुमार उपाध्याय को चुनावी प्रकिया से बाहर करने की मांग की है।
इस मसले पर भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य संदीप त्यागी का कहना है कि जिÞला प्रशासन को तत्काल इस पर कार्यवाही करके अजय कुमार उपाध्याय को चुनावी प्रक्रिया से हटाकर चुनावों की निष्पक्षता को बरकरार रखने का कार्य करना चाहिए। क्योंकि यदि ऐसे लोगों को तत्काल प्रभाव से चुनाव प्रक्रिया से अलग नहीं किया गया तो मतदाताओं पर चुनाव को लेकर बुरा असर पड़ेगा। संदीप त्यागी ने कहा कि यदि प्रशासन ने समय रहते कार्यवाही नहीं की तो वह इस बात की शिकायत मुख्य चुनाव आयुक्त से करेंगे और सम्बंधित अधिकारियों पर उचित कार्यवाही करने की मांग भी करेंगे।
इस मामले पर सपा नेता जयंत त्यागी का कहना है कि किसी भी राजनीतिक दल के सक्रिय लोगों को चुनावी प्रक्रिया में इस तरह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जिम्मेदारी देकर चुनावी प्रक्रिया में लगाना ह्लआदर्श आचार संहिताह्व का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन है, प्रशासन को चुनावों की गरिमा को बरकरार रखने के लिए अजय कुमार उपाध्याय को तुरंत चुनावी जिम्मेदारी से हटा देना चाहिए।
इस मसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरिफ राजा ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय कुमार उपाध्याय को प्रशासन ने शायद भूल से चुनावी प्रक्रिया में शामिल कर लिया है, अरिफ राजा ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि प्रशासन मामला संज्ञान में आने के बाद उनको चुनावी प्रक्रिया से हटाकर अपनी भूल सुधार करके, चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता बरकरार रखने का कार्य अवश्य करेगा।
‘आदर्श आचार संहिता’ के उल्लंघन से जुड़े इस मसले पर जब जिÞला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की प्रभारी अधिकारी (कार्मिक) अस्मिता लाल (मुख्य विकास अधिकारी गाजियाबाद) से फोन पर बात कि गयी तो उन्होंने कहा कि मास्टर ट्रेनर की ड्यूटी पदनाम से लगती है, ड्यूटी कटवाने के लिए उनको जब कोई प्रार्थना पत्र मिलेगा वह नियमानुसार उसका निस्तारण करेंगी।
इस संदर्भ में जब शम्भुदयाल डिग्री कॉलेज के प्राचार्य अखिलेश मिश्रा से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि डा. अजय कुमार उपाध्याय कॉलेज में एसोसियट प्रोफेसर के पद पर हैं और चुनावों में ‘आदर्श आचार संहिता’ के उल्लंघन से बचने के लिए डॉ. उपाध्याय ने ड्यूटी कटवाने के लिए उन्हें 11 जनवरी को पत्र दिया था, जिसको उन्होंने तत्काल ही प्रशासन को अग्रसारित कर दिया है, अब अंतिम निर्णय उन्हें ही लेना है।