मलाई खाने से परहेज नहीं, चुनाव लड़ने का मौका आया तो …
प्रदेश की सरकार में एक मंत्री जी मुरादाबाद जिले के है। वे पश्चिम के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पहले राज्य एवं बाद में कैबिनेट मंत्री बन गये। लेकिन जब फूल वाली पार्टी ने निर्णय किया कि मंत्रियों को चुनाव लड़ना है खासकर वे जो विधान परिषद के जरिये मजे कर रहे हैं। ऐसे में इन मंत्री से कहा गया कि चुनाव लड़ने की तैयारी करो। लेकिन मंत्री जी ने हां नहीं की। संगठन, सरकार के साथ संघ ने भी प्रयास किये, लेकिन मंत्री जी को पता है कि क्या हश्र होने वाला है सो वे तैयार नहीं हुए। इस बार दरबारी लाल के कान में एक जिम्मेदार पदाधिकारी कहते हैं कि मलाई खाने से परहेज नहीं, लेकिन जब चुनाव लड़ने का मौका आया तो मंत्री जी की हवा निकल गई। ऐसे लोग संगठन का क्या भला करेंगे।
बाबू जी बीमार हैं तो क्या, सक्रियता तो…
गाजियाबाद के एक उम्मीदवार चुनाव के ऐन मौके पर कोरोना संक्रमित हो गए हैं। जिसकी वजह से टिकट की घोषणा के बाद न तो वह आमने-सामने लोगों की बधाई ही ले पाए और नेट टिकट होने की खुशी ही बना पाए। आलम यह है कि पिछले कई दिनों से अस्पताल में गंभीर हालत में इलाज करा रहे हैं। उनकी कमी समर्थकों को खल रही है। जिसकी पूर्ति के लिए रविवार को बीमार उम्मीदवार की विधानसभा में समर्थकों ने कार्यक्रम रखा और पार्टी मुखिया के जन्मदिन का केक काटकर प्रत्याशी को जीत के प्रति आश्वस्त किया। यही नहीं मीडिया को खबर भी उम्मीदवार की ओर से ही प्रसारित की गई। जिस पर दरबारी लाल को बड़ा ताज्जुब हुआ और उन्होंने समर्थक को फोन कर जानकारी ली, तो महानुभावों ने बताया कि बाबू जी बीमार है तो क्या, क्षेत्र में सक्रियता तो दिखानी ही पड़ेगी।