अथाह संवाददाता
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में नागरिकों के अधिकार सुरक्षित नहीं है। लोकतंत्र को खतरा है। भाजपा बार-बार झूठ बोलकर उसे सच बनाना चाहती है। वह चालाकी से सराबोर है। उसने न केवल नदियों को अपितु राजनीति को भी प्रदूषित कर दिया है। अब मौसम भाजपा के विरूद्ध है। जनता भाजपा से ऊब चुकी है और वह अब उससे निजात पाने तथा समाजवादी पार्टी को सत्ता में लाने के लिए संकल्पित है।
अखिलेश यादव ने कहा आगामी विधानसभा के चुनावों से प्रदेश का ही नहीं केन्द्र सरकार का भविष्य भी तय होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का तथाकथित रथ जुगाड़ का हैं जबकि समाजवादी रथ से जनआकांक्षाएं जुड़ी हुई है। समाजवादी पार्टी की विजय रथ यात्रा के पहिए रूकने वाले नहीं है। सपा की रैलियों में स्वतः स्फूर्त हजारों का जनसैलाब उमड़ रहा है। यादव ने कहा कि भाजपा ने जनता को सिर्फ धोखा दिया है। दाम वही रखे गए लेकिन 5 किलों खाद बोरी से निकाल ली गई। बिजली दरें बढ़ा दी गई, महंगाई चरम पर हैं।
किसान खेती का विज्ञान जानता है, उसको अपमानित किया जा रहा हैं। अपने हक की मांग करने पर उस पर जीप चढ़ा दी जाती है। किसानों की मौत के जिम्मेदार मंत्री को सरकार बर्खास्त नहीं करती है। हार के डर से बौखलाई भाजपा अब अपनी सरकारी संस्थाओं का दुरूपयोग कर विपक्ष को दबाने पर तुली है लेकिन इससे भाजपा के खिलाफ जनआक्रोश ज्यादा बढ़ा है। लोग अब लोकतंत्र विरोधी, जनविरोधी सरकार को सत्ता में ज्यादा दिनों तक नहीं देखना चाहती है।
यादव ने कहा कि नौजवानों का भविष्य अंधकारमय है। भाजपा सरकार ने उनकी रोजी-रोटी की कोई व्यवस्था नहीं की है। किसानों पर काले कानून लाद दिए गए। नौजवानों की नौकरियां छिन गई। लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने की व्यवस्था नहीं की जा रही है। सिर्फ वादे ही वादे हो रहे हैं। वादों की भूलभुलैया से लोगों को भटकाया जा रहा है। भाजपा संस्कृत-संस्कृति का बड़ा राग अलापती है पर उसने उसको क्षति पहुंचाई है। संस्कृत भाषा को समाजवादी सरकार ने ही सम्मान दिया। सम्पूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय, वाराणसी के लिए समाजवादी सरकार में 50 करोड़ रूपए दिए थे। यादव ने कहा कि भाजपा को हार का भय सता रहा है। बौखलाहट में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है। उसके पूरे पांच साल विफलता के रहे हैं। अब उसके चंद दिन रह गए हैं। जनता भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है। बस 2022 में मतदान का इंतजार है।