अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली का रास्ता रोककर यूपी गेट पर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। रविवार सुबह कई सोसायटियों के लोगों ने किसान नेता राकेश टिकैट और कृषि विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अब विवादित कृषि कानून को वापस ले लिया है। इसलिए अब आंदोलनकारियों को यूपी गेट खाली कर रास्ता आम जनता के लिए खोल देना चाहिए। लोगों का कहना है कि नेशनल हाइवे-9 को खाली कर जनता को राहत देनी चाहिए।
सोसायटी में रहने वाले लोग प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मार्च निकालना चाहते थे लेकिन पुलिस ने टकराव की आशंका देखते हुए उन्हें अनुमति नही दी। अनुमति नहीं मिलने पर आम्रपाली विलेज में रहने वाले लोग सोयायटी के गेट पर धरने पर बैठ गए। रास्ता घेरकर बैठे कृषि विरोधी आंदोलनकारियों के खिलाफ लोगों ने नारेबाजी की।
बता दें कि फेडरेशन आफ एओए गाजियाबाद के पदाधिकारियों ने कहा था कि रविवार सुबह 11 बजे जिले की 100 से अधिक सोसायटी के 500 से ज्यादा लोग प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मार्च निकालेंगे। मार्च में शामिल महिलाएं और बच्चे प्रदर्शनकारियों को पुष्पगुच्छ देकर रास्ता खोलने की मांग करेंगे।
पदाधिकारियों ने ट्वीट कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस मार्च में जुड़ने की अपील की थी। पदाधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने कानून वापस कर दिए हैं। इसके बाद भी प्रदर्शनकारी रास्ता छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। प्रदर्शनकारी अब केवल राजनीति के लिए रास्ता रोककर बैठे हुए हैं। दिल्ली में पढ़ाई कर रहे बच्चों को रोज आने-जाने में परेशानी होती है।
वहीं, कृषि कानून विरोधियों की ओर से 29 नवंबर को प्रस्तावित संसद मार्च स्थगित होने से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली। वहीं, प्रदर्शन स्थल पर दोपहर बाद सन्नाटा पसर गया है। यहां नाममात्र के प्रदर्शनकारी ही दिखे।