… माला के लिए 70 रुपये बहुत होंगे
दो दिन पहले नल वाली पार्टी के जिलाध्यक्ष बदले गये। अब उनकी टीम के लोगों द्वारा स्वागत कर फोटो तो खिंचवाने ही थे। दरबारी लाल ने देखा एक आइसक्रीम पार्लर पर नल वाली पार्टी के पूर्व महानगर अध्यक्ष अपनी जेब से दस दस रुपये निकाल कर एकत्र कर रहे थे। जब उन्होंने गिने तो 70 रुपये थे। उन्होंने दुकान के नौकर को बुलाया और कहा कि जाओ माला ले आओ। नौकर जब माला लेकर आया तो वह 110 रुपये की थी। दुकान मालिक भी नल वाली पार्टी के बड़े नेता हैं। उन्होंने पूछा माला के पैसे कहां से आये। इस पर नौकर ने तपाक से जवाब दिया अध्यक्ष जी ने 70 रुपये दिये थे, लेकिन माला 110 रुपये की आई है। अब बताओ माला के लिए भी गिनकर जब तीन अंक से कम के रुपये दिये जायेंगे तो ऐसे लोग पार्टी की क्या खाक मदद करेंगे। बता दें कि इन महाशय की एक दबंग नेता से झड़प के कारण ही एक दर्जन नेताओं को निलंबित होना पड़ा था।
…तो क्या गलत को गलत कहने पर गला घोंट दिया जाएगा
एक कहावत है जब सईयां भये कोतवाल तो फिर डर काहे का…यानी आका का हाथ सिर पर हो और खुद पॉवर में हो, तो फिर डरना किससे। देश की सबसे बड़ी पार्टी के महानगर के शीर्ष पदाधिकारी ने विजयनगर के पूर्व मंडल अध्यक्ष और एक अन्य कार्यकर्ता को बाहर का रास्ता दिखा दिया। दरअसल दोनों महाशय पिछले लंबे समय से एक राज्यमंत्री के खिलाफ झंडा बुलंद किए थे। यानी पार्टी के खिलाफ नहीं व्यक्ति विशेष के खिलाफ थे। पार्टी संविधान के मुताबिक निष्कासन का अधिकार केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष को है। फिर किसके कहने और किस अधिकार से ये फरमान जारी हुआ, ये चर्चा शहर विधानसभा में हर एक की जुबान पर है। दरबारी लाल के कान में भी ये बात पहुंची और सवाल उठा कि क्या गलत को गलत कहने पर कार्यकर्ता का गला घोंट दिया जाएगा?
ट्रैक्टर रैली के माध्यम से देखा जाएगा दावेदारों का दम
जैसे- जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे वैसे दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। अलग-अलग पार्टियों में चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों की चर्चा मीडिया में भी दिखाई देती है भले ही अब से पहले यह लोग सक्रिय रुप से पार्टी में नजर ना आए हो, किंतु कम समय में टिकट पाने की लालसा में जगह-जगह होर्डिंग और दावेदारी के चर्चे दिखाई और सुनाई दे रहे हैं। ऐसे ही दावेदारों को परखने के लिए अब संगठन भी जिम्मेदारी देकर दावेदारों को परखना चाहता है। फूल वाली पार्टी के द्वारा किसानों के बीच संवाद करने के उद्देश्य से ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया जा रहा है जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों से ट्रैक्टर और किसानों को बुलाने की चर्चा के दौरान पार्टी के महानगर अध्यक्ष ने चुनाव के इच्छुक दावेदारों से ट्रैक्टर लाने के लिए फोन करने को कह दिया, ताकि धरातल पर भी दावेदारों की हकीकत का पता लग सके। फिलहाल संगठन ट्रैक्टर रैली के ही बहाने से दावेदारों का दम देखना चाहता है।