डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय भूगर्भ जल प्रबंधन समिति की बैठक
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में जिला भूगर्भ जल प्रबन्धन परिषद की बैठक आहूत की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारियों को भूगर्भ जल दोहन नियमावली के प्रविधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि पानी की बर्बादी करने वाले लोगों को विरुद्ध सुसंगत नियमों के तहत प्रभावी कार्रवाई की जाए।व्यवसायिक कार्यों में पानी का प्रयोग करने वालों, बोरिग करने वाली मशीनों का सर्वोच्च प्राथमिकता निर्धारित शुल्क जमा कराकर पंजीकरण किया जाए।
उन्होंने कहा कि भूगर्भ जल दूषित करने पर अधिकतम 07 साल तक की सजा और 20 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। बैठक में पोर्टल पर नोटिफाइड क्षेत्र के एनओसी निर्गमन व नवीनीकरण के लिए प्राप्त 57 आवेदन, नॉन-नोटिफाइड क्षेत्र के कूप पंजीकरण के लिए प्राप्त 04 आवेदन एवं एमएसएमई श्रेणी के 31 एनओसी आवेदन, एमएसएमई श्रेणी के 02 कूप पंजीकरण आवेदन, नॉन-नोटीफाइड क्षेत्र के 02 कूप पंजीकरण, ड्रिलिंग एजेन्सी पंजीकरण 02 आवेदन सहित कुल 98 आवेदनों पर विचार किया गया। जिलाधिकारी द्वारा 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल से कम क्षेत्रफल के आवासीय भवनों/ संरचनाओं पर भी रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्थापित कराये जाने के लिए अधिशासी अभियन्ता गाजियाबाद विकास प्राधिकरण गाजियाबाद ए0 के0 चौधरी को निर्देश दिये गये।
इस अवसर पर आकाश वशिष्ठ (नामित सदस्य) द्वारा पूर्व में स्वीकृत अनापत्ति प्रमाण पत्रों के सापेक्ष संस्थाओं द्वारा किये गये कम्प्लाइंसेज यथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना/आर्टीफिशियल रिचार्ज की व्यवस्था, पीजोमीटर की स्थापना, बोरवैल पर डिजिटल वाटर फ्लो मीटर की स्थापना आदि के निरीक्षण के लिए परिषद से किये गये अनुरोध के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा उपसमिति/टॉस्क फोर्स को उक्त निरीक्षण और फर्मों द्वारा किये कम्प्लाइंसेज प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, अधिशासी अभियन्ता जीडीए एके चौधरी, अधिशासी अभियन्ता लघु सिंचाई विभाग एमपी पासवान, उप प्रभागीय वन अधिकारी आशुतोष पाण्डेय, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बॉर्ड उत्सव शर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।