उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर है। इस नाजुक मौके पर जब भाजपा ने विरोधी दलों के नेताओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिये हैं ऐसे वक्त पर भाजपा के विधायक एवं जिले के पुलिस कप्तान एवं छोटे कप्तान आमने- सामने आ गये हैं। इस विवाद को समाप्त करने के लिए कोई पहल भी किसी पक्ष से नहीं हो रही है। पत्र बम फूट रहे हैं। हिंदू वोटों को पुलिस के खिलाफ लामबंद किया जा रहा है।
इतना ही नहीं अब विधायक महोदय ने संघ से जुड़े एक बड़े कथा वाचक की कथा भी लोनी में शुरू करवा दी है। इशारा साफ है कि विधायक झुकने वाले हैं। कथा से पूर्व जिस प्रकार कलश यात्रा में महिलाओं की भीड़ जुटी वह धार्मिक कार्यक्रम के जरिये विधायक का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। उधर कप्तान की बात करें तो विवाद होने के बाद उन्होंने जिस प्रकार एक थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की है उसे हिंदुत्व से जोड़कर विधायक आसमान सिर पर उठाये हैं। बात लोनी में हिंदुत्व की हो तो फिर पुलिस को अपने पक्षकार कहां से मिलेंगे यह सबसे बड़ी परेशानी पुलिस के सामने है। भाजपा के पदाधिकारी भी इस मामले में चुप्पी साधे हैं। लेकिन दबे स्वर में वे पुलिस को ही गलत ठहरा रहे हैं।
इस स्थिति में दोनों में से किसी न किसी को तो नुकसान होना ही है। इस विवाद पर पर्दा गिराने का काम भी पार्टी के बड़े नेता जो लखनऊ में बैठे हैं वे ही कर सकते हैं। लेकिन वे भी इंतजार कर रहे हैं कि मामला कहां तक पहुंचता है। ऊपर के हालात की जो जानकारी मिल रही है कि उसके अनुसार इस विवाद में एक की हार होनी तय है। इसके साथ ही यह भी तय हो जायेगा कि कौन किस पर भारी। एक को टिकट का खतरा है तो दूसरे को तबादले का। भाजपा के हक में यहीं है कि विवाद का निपटारा जल्द से जल्द हो। हम भी इंतजार करेंगे।