दुकानदार बोले कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक बेहतरीन मंच
अथाह ब्यूरो,
लखनऊ। वोकल फॉर लोकल की थीम पर लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में आयोजित हुनर हाट ने छोटे कारीगरों और शिल्पकारों को एक बेहतरीन मंच दिया है। कारीगर और शिल्पकार कला दिखाने के साथ-साथ अपने काम को इस मंच के जरिए आगे बढ़ा रहे हैं। हुनर हाट में स्टॉल लगाए दुकानदारों ने बताया कि हम लोगों को उचित मंच देने के साथ प्रदेश सरकार ने हस्तशिल्प कामगारों को रोजगार देने का काम भी किया है। उन्होंने बताया कि यहां आए सभी शिल्पकारों, कामगारों की अच्छी कमाई हो रही है।
यहां उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के कई प्रदेशों की कला आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। अंडमान के समुद्र में पाये जाने वाले मोती से सात लड़ी की माला को लेकर मेघालय के हुनरमंद आए हैं। सीप के हाथों से बने सजावटी सामान भी लोगों को खूब लुभा रहे हैं। यहां पर कश्मीर में बने पश्मीना शॉल, सेमी पश्मीना शॉल, महिलाओं के लिए काम वाला फरेन और पुरुषों के लिए भी शॉल हैं। पश्मीना शॉल की कीमत सात हजार रुपये और फरेन 1500 रुपये तक है। इसी तरह खुर्जा में सेरेमिक के बर्तन पर हाथों की पेंटिंग वाले बर्तन की भी लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं।
दुकानदार बोले गांव कस्बे के लोगों को मिला रोजगार
हुनर हाट में स्टॉल लगाए दुकानदारों ने कहा कि हाट के जरिए कई ट्रेडर्स कामगारों के संपर्क में आएंगे जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यहां के उत्पादों को पहचान मिलेगी। गांव कस्बे के लोगों को काम के साथ उनकी स्किल को आगे बढ़ाने का मंच हुनर हाट बन गया है।
झाकियों ने मोहा सबका मन
हुनर हाट में लगी झाकियां सबका मन मोह रही है। लखनऊ की चिकनकारी, भदोही की कालीन, वाराणसी का सिल्क, गोरखपुर का टेराकोटा, फिरोजाबाद की काँच, मुरादाबाद का पीतल, आगरा-कानपुर की लेदर, पीलीभीत की बांसुरी, अयोध्या का गुड़, अमेठी का मूंज, बंदायू की जरी जरदोजी, बलिया की बिंदी, मिजार्पुर की कालीन, कुशीनगर के केले से बने उत्पाद समेत अन्य जिलों के उत्पादों की लोगों ने जमकर खरीदारी कर रहे हैं। इतना ही नहीं यहां पर लजीज व्यंजन के स्टॉल, स्पेशल कठपुतली का नाच समेत सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दर्शकों की भीड़ उमड़ रही है।