एसएसपी के साथ ही एसपी ग्रामीण पर लगाये गंभीर आरोप
अधिकारियों को गौ तस्करों का संरक्षक दिया करार
अथाह संवाददाता,
गाजियाबाद। गौतस्करों के साथ मुठभेड़ के बाद निलंबित थाना प्रभारी राजेंद्र त्यागी को लेकर लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर एसएसपी पवन कुमार पर हमलावर हो गये हैं। अब उनके निशाने पर एसपी ग्रामीण डा. ईरज राजा भी आ गये हैं। गुर्जर ने एसएसपी को पत्र लिखकर उनके ऊपर सवालों का बम दागा है। सभी चुभते सवालों का जवाब कप्तान शायद ही दें।
बता दें कि लोनी के थाना लोनी बार्डर क्षेत्र में पुलिस की गौ तस्करों के साथ हुई मुठभेड़ में पहली बार यह हुआ कि सात गौ तस्कर पुलिस की गोली से घायल हुए। लेकिन अधिकांश तस्करों के पैर में गोली लगने का मु्द्दा मीडिया में उछलने के बाद पुलिस अफसरों ने अपने अधीनस्थों का बचाव करने के स्थान पर थाना प्रभारी का तबादला कर दिया। तबादले से पहले लोनी विधायक समेत अनेक लोगों ने गौ तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने पर थाना प्रभारी एवं अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया था। तबादला करने के बाद ही जहां थाना प्रभारी ने खुद को अपमानित महसूस करते हुए लंबी छुट्टी पर जाने का प्रार्थना पत्र दिया, वहीं इस मामले में लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर पुलिस पर हमलावर हो गये।
गुर्जर ने इस मामले में एडीजी से लेकर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी तक एसएसपी की शिकायत कर दी एवं उन्हें गौ तस्करों का संरक्षक करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कदम से पुलिस का मनोबल गिरेगा एवं गौ तस्करों का बढ़ेगा। मामला बढ़ने के साथ ही एसएसपी ने तस्करा सोशल मीडिया पर लीक होने के बाद राजेंद्र त्यागी को निलंबित कर दिया।
इस निलंबन ने आग में घी का काम किया। अब बुधवार को विधायक नंद किशोर गुर्जर ने एसएसपी को पत्र लिखकर जहां हमला बोला है, वहीं उन्होंने पांच सवाल भी दागे हैं। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि गौ भक्त, कर्त्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी राजेंद्र त्यागी को निलंबित कर उन्होंने जहां पुलिस का मनोबल गिराया है, वहीं देश की नंबर वन उप्र पुलिस को शर्मशार किया है। यह इसलिए किया कि उन्होंने एसएसपी एवं एसपी ग्रामीण की सलीम पहलवान पर कार्रवाई न करने बात नहीं मानी।
विधायक नंद किशोर गुर्जर के सवाल
- गौ तस्करों के सरगना सलीम पहलवान जिसके गोदाम में लंबे समय से गौ हत्याएं हो रही थी उसका नाम मुकदमें में दर्ज न करने के लिए थना प्रभारी पर दबाव क्यों बनाया गया। आपकी बात न मानने पर जल्दबाजी में पहले तबादला फिर निलंबन किसके दबाव में किया गया। जबकि आपने यह कथा था कि तबादला रूटीन में हुआ है।
- निलंबित करने का एक कारण आपने तस्करा लीक करने एवं गोपनीयता भंग करना बताया, जबकि तस्करा थाना प्रभारी के घर जाने के बाद लीक हुआ जिसकी जिम्मेदारी पुलिस कप्तान होने के नाते आपकी थी। थाने में जांच करवाकर कार्रवाई की जाती। लेकिन तबादले के बाद हो रही अपनी किरकिरी से नाराज होकर निलंबन किया गया। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या आप तस्करा लीक होने और जिले में बढ़ती गौ हत्या के लिए स्वयं को जिम्मेदार मानते हुए अपने खिलाफ तस्करा डालेंगे, यदि नहीं तो आपको क्यों न गौ तस्करों का संरक्षक मान लिया जाये।
- आपके एवं एसपी देहात के द्वारा भाजपा नेताओं एवं हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों का नाम इस प्रकरण में घसीटने के लिए थाना प्रभारी राजेंद्र त्यागी पर दबाव किसके कहने पर बनाया गया? क्या थाना प्रभारी राजेंद्र त्यागी के लिए न्याय की बात करने और गौ तस्करों पर कार्रवाई की मांग करने के कारण मुझसे व्यक्तिगत रंजिश रखते हैं या फिर किसी बड़े गौ तस्कर का दबाव है?
- जांबाज थाना प्रभारी राजेंद्र त्यागी द्वारा किये गये एनकाउंटर पर आप इसलिए नाराज थे कि आपको एवं एसपी देहात को सूचना नहीं दी गई और आप दोनों को पूर्व की भांति टीवी पर आने एवं सम्मानित होने का मौका क्यों नहीं मिला। मेरा मानना है कि सूचना देकर तो फर्जी एनकाउंटर किये जाते हैं। अचानक पुलिस पर हमला हो जाने के बाद वो अपनी जान बचायें या फिर फोन पर आपसे अनुमति लें। अर्थात आपने एवं एसपी देहात ने अपने जीवन में फर्जी एनकाउंटर किये हैं?
- क्या आपके कृत्यों से उप्र पुलिस की साख नहीं गिरी है? क्योंकि जिस थाना प्रभारी ट्रेक रिकार्ड साफ सुथरा रहा है और जान जोखिम में डालकर इतना बड़ा एनकाउंटर कर प्रदेश सरकार की पूरे देश में साख बढ़ाई है उसे सम्मानित न कर, उसको सम्मानित होते देखकर ईश्या भाव से ग्रस्त होकर एवं गौ तस्करों के दबाव में यह कार्रवाई नहीं की गई?
विधायक नंद किशोर गुर्जर द्वारा लिखे गये पत्र को लेकर एसएसपी पवन कुमार से बात करने का प्रयास किया गया। फोन उनके पीआरओ ने उठाया व कहा कि साहब व्यस्त है, एक घंटे बाद बात करवाता हूं। लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई फोन नहीं आया।