Dainik Athah

एलएसी पर सड़क बनाने के लिए अपनी इंजीनियरिंग विंग तैनात करेगा आइटीबीपी

गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी

अथाह ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में अपनी चौकियों तक संपर्क परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कुछ सड़कों और पैदल मार्गो के निर्माण के लिए अपनी विशेषज्ञ अभियांत्रिकी शाखा (स्पेशिलाइज्ड इंजीनियरिंग विंग) को पहली बार तैनात करने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस फैसले को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीमा बल, आइटीबीपी ने भारत-चीन सीमा सड़क परियोजना के दूसरे चरण के तहत 32 सड़कों में से चार और 18 पैदल मागरें में से दो के निर्माण की जिम्मेदारी संभाली है। उन्होंने बताया कि हिमालयी क्षेत्र में आइटीबीपी सीमा चौकियों को जोड़ने वाली लगभग एक से दो किलोमीटर की अलग-अलग लंबाई वाली सड़कें लद्दाख क्षेत्र की चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर हैं, जबकि पैदल मार्ग जिनका इस्तेमाल सैनिकों द्वारा गश्त में किया जाता है, वे अरुणाचल प्रदेश में हैं।

आइटीबीपी की शाखा के अभियंता और पर्यवेक्षक पूरे काम की योजना तैयार करेंगे और उसकी निगरानी करेंगे। मजदूरों और राजमिस्ति्रयों को सरकारी नियमों के अनुसार काम पर रखा जाएगा। आमतौर पर इन क्षेत्रों में सड़क निर्माण परियोजनाओं का जिम्मा सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) और ऐसी ही अन्य एजेंसियों का होता है।

अधिकारियों ने कहा कि बल की अभियांत्रिकी शाखा को सीमा चौकियों तक संपर्क बढ़ाने के काम को तेजी से पूरा करने के लिए लगाया जाता है। वर्तमान में सरकार ने भारत-चीन सीमा सड़क परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत की है जिसमें कई सड़कें, पैदल मार्ग और सीमा चौकियां शामिल हैं।

इसके पहले चरण की शुरुआत 2005 में की गई थी। मालूम हो कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने 24 अक्टूबर को आइटीबीपी के 60वें स्थापना दिवस के दौरान कहा था कि आइटीबीपी के लिए नई सीमा बटालियनों को मंजूरी देने की प्रक्रिया ‘अंतिम चरण’ में है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *