रास्ता खोलने को लेकर गेंद किसानों के पाले में
दिल्ली- यूपी की सीमा पर तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ डेरा डाले किसानों को आगामी दिनों में सर्वोच्च अदालत का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली पुलिस ने यूपी की सीमा पर लगाये गये बेरिकेड हटाकर रास्ता रोकने को लेकर अपना पल्लू झाड़ लिया है। गेंद अब किसानों के पाले में पहुंच गई है। सर्वोच्च अदालत में अब तक किसान यह कहते रहे हैं कि रास्ता हमने नहीं दिल्ली पुलिस ने बंद किया है। लेकिन शुक्रवार को रास्ता खोला गया केवल एंबुलैंस के लिए। आम लोगों के लिए दिल्ली जाने के रास्ते पर अब भी किसानों के टैंट लगे हैं। लेकिन दिल्ली पुलिस ने अपनी तरफ के अवरोध हटाकर रास्ता साफ कर दिया है। जबकि टीकरी बार्डर पर किसानों ने एक लेन वाहनों के आने- जाने के लिए खोल दी है। यूपी गेट पर बैठे किसान अभी सोच रहे हैं कि क्या किया जाये। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत इस मामले में अन्य किसान नेताओं से बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ स्थिति पर दिल्ली के साथ ही गाजियाबाद के पुलिस- प्रशासन के अधिकारी भी नजर बनाये हुए हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एडीजी के साथ ही आईजी तक गाजियाबाद में डेरा डाले हैं। डीएम भी पल पल की रिपोर्ट लखनऊ भेज रहे हैं। जिस प्रकार दिल्ली पुलिस ने रास्ता खोला है उसके बाद पुलिस अदालत में यह कह सकती है कि रास्ता पुलिस ने नहीं किसानों ने रोका हुआ है। सीधा मतलब यह है कि गेंद अब किसानों के पाले में है। किसान अदालत में क्या पक्ष रखेंगे अथवा रास्ता खोलेंगे इसको लेकर अब भी भ्रम की स्थिति है। लेकिन यह उम्मीद बढ़ गई है कि दीपावली से पहले रास्ता खुल जाये।