Dainik Athah

मंथन

… आखिर कौन है जो पीछे पड़ा है डासना मंदिर के !

डासना का प्राचीन देवी मंदिर एक बार फिर से चर्चाओं में है। दो दिन पहले तक चर्चा मंदिर के महंत नरसिम्हानंद गिरी के महामंडेलश्वर बनने की थी। लेकिन इसके बाद चर्चा यति पर गैंगस्टर की चर्चा को लेकर है।

हालांकि सोमवार को यति पूरे मामले में अपना पक्ष रखने जा रहे हैं। जिस प्रकार मंदिर के महंत को लगातार बदनाम करने के प्रयास हो रहे हैं, जिस प्रकार मंदिर में अवांछित तत्व पकड़े जा चुके हैं उसे देखते हुए यह तो तय है कि खांटी हिंदू महंत के लिए पग पग पर खतरा है। जिस प्रकार अब नई चर्चा शुरू हुई उसके बाद तो यह लगने लगा है कि उनके ही समाज के कुछ लोगों को महंत का बढ़ता कद शायद बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

यहीं कारण है कि अब उन्हें नये सिरे से घेरने का प्रयास किया जा रहा है। हिंदुत्व के मुद्दों को छोड़ दें तो शायद कभी किसी अपराध से तो उनका नाता नहीं रहा है। महंत को उग्र हिंदुत्व का प्रतीक तो कहा जा सकता है। लेकिन यदि किसी अपराध में उनकी संलिप्तता है तो यह छुपा हुआ तथ्य हो सकता है। उनके जूना अखाड़ा से जुड़ने के बावजूद जिस प्रकार के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं उनके चलते कहीं प्रदेश के मुखिया की नजर टेढ़ी न हो जाये यह खतरा भी स्थानीय अधिकारियों को लग रहा है।

जिस प्रकार बार बार हमले का प्रयास हो रहा है, जिस प्रकार नयी चर्चा गैंगेस्टर को लेकर चल रही है इन सभी का खुलासा होना भी आवश्यक है। यदि महंत किसी के निशाने पर है वह भी अपने ही धर्म वालों के तो उसका खुलासा भी आवश्यक है। ये सब खुलासे कब होंगे इसके ऊपर सभी की नजरें टिकी है।

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