भाजपा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष का नया कारनामा
अथाह संवाददाता,
गाजियाबाद। भारतीय जनता युवा मोर्चा में जो न हो जाये वह कम है। जब से मोर्चा के नये जिलाध्यक्ष बनें तब से ही विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। अब नया यह है कि बगैर कमेटी के ही जिले में मंत्री पद का दायित्व दे दिया गया है।
बता दें कि भाजयुमो की जिला कमेटी को लेकर हुआ विवाद पार्टी के प्रदेश नेतृत्व तक पहुंचा था। भाजयुमो जिलाध्यक्ष ने पार्टी के जिलाध्यक्ष के बगैर ही जिला कमेटी घोषित कर दी थी। बाद में भारी बदलाव होने के बाद ही कमेटी घोषित की गई थी। लेकिन अब फिर से विवाद शुरू हो गया है। जिला कमेटी में नाम न होने के बावजूद अंंकुर शर्मा का दो दिन पूर्व जिला कार्यकारिणी में पहचान पत्र बनाया गया। इतना ही नहीं अंकुर शर्मा ने अपनी डीपी में भी जिला मंत्री के पहचान पत्र वाला फोटो लगाया हुआ है। भाजपा सूत्रों के अनुसार जिला कार्यकारिणी की बैठक में भी अंकुर शर्मा को अग्रिम पंक्ति में स्थान दिया गया। इसको लेकर पार्टी के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी ही सवाल उठा रहे हैं कि अंकुर शर्मा कब से पदाधिकारी है।
इस संबंध में जब भाजयुमो जिलाध्यक्ष हिमांशु शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अंकुर शर्मा उनकी पहली कमेटी में मंत्री थे। बाद में दूसरी कमेटी घोषित हुई उसमें नाम नहीं था। इसका सीधा अर्थ यह है कि जब अंकुर शर्मा जिला मंत्री नहीं तो आखिर क्यों उनका जिला मंत्री का पहचान पत्र बनाया गया एवं कार्यकारिणी में अग्रिम पंक्ति में स्थान दिया गया। यह बता दें कि पूर्व में अंकुर शर्मा सपा में थे। वे कब भाजपा में यह भी किसी को जानकारी नहीं है। हिमांश शर्मा भी यह नहीं बता सके कि आखिर अंकुर शर्मा कैसे जिला मंत्री बनें। यदि वे पहली कमेटी में थे तो उसे भाजपा जिलाध्यक्ष ने निरस्त कर दिया था। उसके बाद ही दूसरी कमेटी बनाई गई।